नागपुर/इंदौर। संगीत सरगम के डॉ. विवेक गावड़े ने बताया कि संस्था हमेशा संगीत के साथ सामाजिक दायित्वों के लिए भी सदैव तत्पर रहती है। संगीत सरगम ने पहलगाम के शहीदों को समर्पित महफ़िल जो कि श्रद्धांजलि सभा मे गीतों द्वारा सदस्यों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। रमेश गुरु ने दिल एक मंदिर है, अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम, ज्योत से ज्योत जलाते चलो, ए मालिक तेरे बन्दे हम जैसे गीतों से शहीदों को याद करते हुए अपने भाव व्यक्त किये। आशीष श्रीवास्तव ने तू प्यार का सागर है गीत से श्रद्धांजलि दी।
महफ़िल के शुरुआत में श्रीधर कामत ने पहलगाम के शहीदों को याद कर 2 मिनिट का मौन सभी से रखवाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। संगीत सरगम संगीत थेरेपी द्वारा भी शहर में ऐसे लोग जो हॉल में नही आ पाते उनतक जाकर उनको पॉज़िटिव सोच और उनके दुख दर्द को दूर करने का प्रयास करती है। केंद्रीय जेल में कैदियों को आस्था वृद्धाश्रम, निराश्रित वृद्धाश्रम में बुजुर्ग और समाज से अलग हो चुके लोगो को संगीत से उपचार करते है। महफ़िल में पंडित सुनील मसूरकर, अनिल बारगल, विवेक ताम्बे, अविनाश भांड, आशिक हुसैन देवासवाला भी थे। अंत मे राष्ट्रगीत से समापन हुआ। आभार विवेक ताम्बे ने माना और शहीदों के प्रति अपने भाव व्यक्त किये।