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09 दिसंबर, 2025

लेखक किशोर लालवानी के सिंधी नाट्य संग्रह ‘जागंदी रहे जोत झूलण जी सदाईं’ का विमोचन संपन्न


नागपुर। नगर के सुप्रसिद्ध नाट्य लेखक किशोर लालवानी के सिंधी नाट्य संग्रह ‘जागंदी रहे जोत झूलण जी सदाई’’ का विमोचन महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी द्वारा हीरानंद धर्मशाला में आयोजित
समारोह में इसका लोकार्पण संजीवनी फाउंडेशन के अध्यक्ष वाधनदास तलरेजा ने किया। 

मंच पर ज्येष्ठ मित्र मंडल के अध्यक्ष अर्जुनदास आहूजा, राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद की सदस्य डॉ. वंदना खुशालानी, महाराष्ट्र मेडीकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. विंकी रूघवाणी, महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी के पूर्व सदस्य तुलसी सेतिया, समाज सेवी विजयकुमार केवलरामानी, सिंधी सोशल फोरम के अध्यक्ष पेसूराम दारा, महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी के पूर्व सदस्य राजेश बटवाणी, सिंधुड़ी यूथ विंग के कार्याध्यक्ष परसराम चेलानी, महाराष्ट्र राज्य सिंधी साहित्य अकादमी मुंबई से पधारे सौरभ शिंदे, केंद्रीय साहित्य अकादमी की सिंधी भाषा सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य किशोर लालवाणी तथा नगर के सिंधी कवि आवत भागचंदानी, हासानंद सतपाल, डॉ. सोनिया जेसवानी, दिलीप आसूदानी, डॉ. मीरा जारानी, तुलसी सेतिया, सुनिता मोटवानी सोनोने और शारदा भागचंदानी उपस्थित थे। नागपुर के प्रसिद्ध हिंदी कवि अविनाश बागड़े तथ अनिल मालोकर की भी इस विमोचन समारोह में विशेष रुप से उपस्थित रहे। 

पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए तुलसी सेतिया ने बताया कि यह नागपुर से पेश होने वाला पहला महा नाटक है जिसमें हमारे इष्टदेव झूलेलाल जी की पूरी जीवनी एक नाटक के रुप में दिखाई गई है। नृत्य नाटक की शैली में प्रस्तुत इस महानाटक में नगर के 40 कलाकार काम करते हैं। इस महानाटक के देश भर में 25 शो हो चुके हैं। 
गुरमुख मोटवाणी ने आये हुए अतिथियों एवं श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सिंधुड़ी यूथ विंग के सचिव विजय विधानी ने किया। 

घोटकी पंचायत के अध्यक्ष वलीराम सहजवानी, सुंदर कला संगम के अध्यक्ष किशन आसूदानी, अंकुर के अध्यक्ष हरभगवान नागपाल, ताराचंद ममतानी, मनोहर आसूदानी, सुखदेव भागचंदानी, लक्ष्मण पेशवानी, अशोक जेसवानी, डॉ. वीरेंद्र आसूदानी, मोहन गंगवानी, रिचा केवलरामानी, निशा केवलरामानी विशेष रूप से उपस्थित थे। 

कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु श्रीमती मंजू कुंगवानी, जया चेलानी, ओमप्रकाश टहिल्यिानी, आशू तुलसानी, परमानंद कुकरेजा ने अथक प्रयास किया।