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19 मार्च, 2024

अमृत प्रतिष्ठान द्वारा शास्त्रीय संगीत सेवा के 25वें रजत जयंती वर्ष में किया संगीत सभा का आयोजन


नागपुर। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन से हुई। सरस्वती वंदना एवं गुरु वंदना के पश्चात कार्यक्रम का परिचय एवं सूत्र संचालन प्रतिभावान निवेदिका सोनाली अडावदकर ने किया। अमृत प्रतिष्ठान पिछले 25 वर्षों से लगातार निस्वार्थ भाव से काम कर रहा है और नई पीढ़ी को शास्त्रीय संगीत के प्रति रुचि पैदा करने और इस कला में काम करने वाले प्रतिभावान और प्रतिभाशाली कलाकारों का काम जनोन्मुख हो, इस उद्देश्य से सामाजिक प्रतिबद्धता पैदा कर रहा है। आयोजित संगीत सभा में सुश्री ध्रुवी गजभिये, उम्र 12 वर्ष, एक उभरती संतूर वादिका ने धीमी और तेज लय में राग यमन की अद्भुत प्रस्तुति दी। उनके प्रदर्शन को उत्साही दर्शकों ने खूब सराहा। इसके बाद आरंभ में सुप्रसिद्ध सितारवादक डॉ.उदय गुप्ते ने राग पुरियाकल्याण प्रस्तुत किया।  आलापी, जोड,   झाला जैसी धीमी और तेज लय में कलात्मक ढंग से बजाई गई रागदारी की लयबद्ध प्रस्तुति मन मोह लेने वाली थी। उन्होंने एक धुन प्रस्तुत करके अपने प्रदर्शन का समापन किया। 

दूसरे सत्र में शास्त्रीय गायिका डॉ. मंजिरी अय्यर ने गायन किया. आरंभ में अत्यंत रोचक सरस्वती राग बिलंबित ख्याल और मध्यालय में हमारे गुरुओं की बंदिश और बाद में राग षडज अलग। उन्होंने अपने गायन का समापन राम भजन से किया. स्पष्ट स्वर, लयात्मक आलाप और सशक्त तान के साथ रागदारी की साहसिक प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। उन्हें प्रतिभाशाली संवादिनी वादक संदीप गुरमुळे  का समर्थन प्राप्त था। आकाशवाणी 'ए' ग्रेड के प्रतिभाशाली युवा तबला वादक राम खडसे ने कलाकारों के साथ सटीक तबला संगत की, जिसने दर्शकों की सराहना हासिल की। प्रतिष्ठान की ओर से सभी कलाकारों को पुष्प एवं प्रशस्ति पत्र देकर विधिवत सम्मानित किया गया। संस्था के अध्यक्ष मोहन (दिवाकर) निस्ताने आभार जताया।

इस अवसर पर वरिष्ठ गायक कलावंत पं. वाल्मीक धांडे, पं. अवनींद्र शेवलीकर, आकाशवाणी नागपुर के पूर्व निदेशक  दिगंबर पिंपळघरे, चंदकांत पिंपळघरे, दिगंबर पिंपळघरे, चंदकांत पिंपळघरे,विनोद वखरे, मोरेश्वर निस्ताने, यशोधन कानडे, वसंत पथे,  डॉ.राजेंद्र डोळके,माधव पालमवार, कालीदास अपराजित,किरण जोशी, सुरेश खर्डेनवीस और इसमें युवा छात्र भी शामिल थे और दर्शक बड़ी संख्या में मौजूद थे। मेघना निस्ताने, हर्षल निस्ताने, नारायण राउत एवं सुरेश दोडके ऑडियो विजुअल और साउंड इंजीनियरों ने भी मंच सजावट और कार्यक्रम की सफलता के लिए कड़ी मेहनत की। फैंस का दिल जीतने वाला ये सुरीला कॉन्सर्ट फैंस को हमेशा याद रहेगा।