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20 मार्च, 2024

रजनी प्रभा ‘नागरी लिपि सेवी सम्मान’ और ‘श्री वेंकटेश्वरलू चवाकुल राष्ट्रीय हिन्दी रवि नागरी सम्मान’ से सम्मानित हुई


नागपुर/मुजफ्फरपुर। बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर बिहार, विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बिहार से शोधकार्य कर रही रजनी प्रभा, सुपुत्री श्री राजकुमार सिंह एवम् राधा सिंह को अल्पायु में ही हिंदी और नागरी लिपि की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेवा हेतु उन्हें ’विशिष्ट नागरी लिपि सम्मान’ और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, हैदराबाद की संबद्ध संस्था हिंदी प्रेमी मंडली हैदराबाद से श्री चवाकुल वेंकटेश्वरलू राष्ट्रीय रवि नागरी सम्मान, सॉल, प्रतीक चिन्ह, सम्मान प्रत्र तथा नगद राशि प्रदान की गया। संप्रति आप नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली, की आजीवन सदस्या, विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज की आजीवन सदस्या, भारतीय कवि संघ की राष्ट्रीय सचिव, अंतरराष्ट्रीय पत्रिका मकस कहनिका की संपादक, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की राष्ट्रीय सचिव,रचना दर्शन की संस्थापिका आदि हैं।
मनुमुक्त मानव मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा रविवार को मनुमुक्त भवन में अंतरराष्ट्रीय नागरी लिपि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें भारत, नेपाल, थाईलैंण्ड, आस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, कोस्टारिका और कनाडा सहित सात देशो के लगभग दो दर्जन विद्वानो ने सहभागिता की।

हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय महेन्द्रगढ में हिंदी विभाग के प्रोफेसर व अध्यक्ष डॉ. बीरपाल सिंह यादव और राजकीय महिला महाविद्यालय अलवर(राजस्थान) के प्राचार्य डॉ. अनूप सिंह ने नागरी लिपि के स्वरूप ओर स्थिति पर प्रकाश डाला। इस दौरान नागरी लिपि पर केंद्रित दोहे भी प्रस्तुत किये। समारोह में डॉ. सुनील भारद्वाज, हरीश प्रसाद जोशी आदि मौजूद रहे।
समारोह में ये हुए सम्मानित - ट्रस्ट द्वारा नेपाल के हरीश प्रसाद जोशी(महेन्द्र नगर) और प्रो. मोहन प्रसाद चौधरी(कंचनपुर), नीदरलैंड की डॉ. ऋतु शर्मा(आसन), थाईलैण्ड के धनभद्र लपसिरिकुल (बैंकांक) आस्ट्रेलिया के बाबूलाल शर्मा (पर्थ), कोस्टारिका के हवीबरसिंह (सैन जोसे), कनाडा के हरमहेन्द्रसिंह (टोरंटो) और भारत के चवाकुल रामकृष्ण राव, हैदराबाद (तेलंगाना), डॉ. कृष्णा मणिश्री, मैसूर (कर्नाटक), डॉ. प्रिया ए, कोट्टायम(केरल), डॉ. प्रभु चौधरी उज्जैन (मध्यप्रदेश), रजनी प्रभा मुजफ्फरपुर(बिहार), डॉ. उज्ज्वला राठौड धामी और डॉ. दिनेश कुमार शर्मा, कांगडा (हिमाचल प्रदेश), डॉ. अनूपसिंह अलवर और डॉ. भीमसिंह सुथार, भादरा(राजस्थान), डॉ. सतीशकुमार यादव पूसा (दिल्ली) व हरियाणा से पानीपत की डॉ. आभा त्यागी, रोहतक की डॉ. राजल गुप्ता, फरीदाबाद की डॉ. मधु सिंगला, भिवानी की डॉ. सुशीला आर्य, रेवाड़ी की डॉ. परवीन कुमारी और प्रो. मुकुट अग्रवाल, अटेलो के डॉ. छतरसिंह वर्मा तथा नारनौल की डॉ. मीना यादव, डॉ. शर्मिला यादव और डॉ. पंकज गौड को हिंदी भाषा, साहित्य और नागरी लिपि के विकास में उनके उल्लेखनीय योगदान के दृष्टिगत विभिन्न नामित सम्मानों से नवाजा गया।

इस ऐतिहासिक समारोह में नर्मदा शर्मा, पर्थ (आस्ट्रेलिया), पूजा शर्मा (दिल्ली), ट्रस्टी कांता भारती(नारनौल),राजेंद्र आर्य (महेंद्रगढ़),हरीश चौहान (शिमला), डॉ. यशदेव त्यागी (पानीपत), बलजीतसिंह (नारनौंद) और प्रो. बलबीरसिंह सुथार, डॉ. धर्मवीर यादव (मीरपुर) आदि मौजूद रहे।