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01 मई, 2025

महाराष्ट्र दिन चिरायू हो !


भारत में हर साल 1 मई को महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है। इसके साथ ही 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस भी मनाया जाता है। वर्ष 1960 में महाराष्ट्र और गुजरात को एक अलग राज्य के रूप में स्थापित किया गया था। जब यह दोनों राज्य अलग-अलग हुए तो, दोनों में मुंबई को लेकर विवाद हुआ। लेकिन मराठी लोगों की मांग थी कि मुंबई को महाराष्ट्र से ही जुड़े रहना चाहिए, क्योंकि वहां के ज्यादातर लोग मराठी बोलते है। उस वक्त 1 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 में मुंबई को महाराष्ट्र से जोड़ा गया। बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम 1960 के अनुसार बॉम्बे के द्विभाषी राज्य को मराठी भाषी लोगों के लिए महाराष्ट्र और गुजराती भाषी लोगों के लिए गुजरात को दो अलग-अलग राज्यों में विभाजित किया गया। यह कानून 1 मई 1960 को उसी दिन लागू हुआ, जिस दिन अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस था। आमतौर पर परेड और राजनीतिक भाषणों के साथ-साथ बधाई संदेशों से जुड़ा होता है। विभिन्न अन्य सार्वजनिक और निजी कार्यक्रमों के साथ-साथ इस दिन महाराष्ट्र के इतिहास और परंपराओं का भी जश्न मनाया जाता है।

  21 नवंबर 1956 को फ्लोरा फाउंटेन के आसपास के क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल था क्योंकि राज्य पुनर्गठन आयोग ने मुंबई को महाराष्ट्र को देने से इनकार कर दिया था, जिससे मराठी लोग नाराज हो गए थे। इस निर्णय का हर जगह छोटी-बड़ी बैठकों में विरोध हो रहा था। इस संगठन ने सरकार के विरोध में फ्लोरा फाउंटेन के सामने चौक तक श्रमिकों के एक बड़े मार्च की योजना बनाई थी। इसके बाद फ्लोरा फाउंटेन पर भारी भीड़ एकत्रित हुई, जो एक तरफ चर्चगेट स्टेशन और दूसरी तरफ बोरीबंदर से नारे लगा रही थी। मार्च को तितर-बितर करने के लिए पुलिस बल का प्रयोग कर लाठीचार्ज किया गया। हालाँकि, अडिग सत्याग्रही के कारण ये पुलिस प्रयास विफल हो गए और मुंबई राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा पुलिस को गोली चलाने का आदेश दिया गया। संयुक्त महाराष्ट्र की लड़ाई में गोलीबारी हुई और 106 प्रदर्शनकारी शहीद हो गए। इन शहीदों के बलिदान और मराठी लोगों के आंदोलन के कारण सरकार झुकी और 1 मई 1960 को मुंबई के साथ संयुक्त महाराष्ट्र की स्थापना की गई। इसके पश्चात 1965 में उस स्थान पर शहीद स्मारक बनाया गया। 

राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 ने भाषाओं के आधार पर भारत में राज्यों की सीमाओं को परिभाषित किया। हालाँकि, इस अधिनियम के परिणामस्वरूप जो बम्बई राज्य अस्तित्व में आया वह विभिन्न क्षेत्रों से मिलकर बना था जहाँ अलग-अलग मराठी, गुजराती, कच्छ और कोंकणी भाषाएँ बोली जाती थीं। संयुक्त महाराष्ट्र समिति बॉम्बे राज्य को दो राज्यों में विभाजित करने के आंदोलन में सबसे आगे थी; एक भाग जहां लोग मुख्यतः गुजराती और कच्छी बोलते हैं और दूसरा भाग जहां लोग मुख्यतः मराठी और कोंकणी बोलते हैं। इस आंदोलन के परिणामस्वरूप 25 अप्रैल 1960 को भारतीय संसद द्वारा अधिनियमित बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम, 1960 के अनुसार महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों का निर्माण किया गया। यह कानून 1 मई, 1960 को लागू हुआ। सभी मराठी भाइयों और महाराष्ट्र के हर नागरिक को महाराष्ट्र दिवस और कामगार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जय जय महाराष्ट्र माझा.. गर्जा महाराष्ट्र माझा….

- प्रविण बागडे
   नागपुर, महाराष्ट्र 
   ई-मेल : pravinbagde@gmail.com