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22 सितंबर, 2025

सुदामा चरित्र, हवन के साथ भागवत कथा को विश्राम


नागपुर। श्री कृष्ण तो सर्व व्यापी हैं। वे जानते हैं कब किसको क्या चाहिए। सब के मन की बात प्रभु बिना कहे ही जान लेते हैं। सिर्फ उन पर दृढ़ विश्वास की जरूरत है। जिस प्रकार उन्होंने सखा सुदामा के बिन कहे ही उनके मन की बात जान ली। श्री कृष्ण और सुदामा जैसा प्रेमभाव मिलना आज संभव ही नहीं। दोनों की मित्रता निःस्वार्थ थी। यह उद्गार महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी भास्करानंद महाराज ने श्री लालसोट ब्राह्मण सभा, परशुराम मंदिर, चांडक ले आउट में श्रीमद्भागवत आयोजन समिति के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिवस सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहे। 


अंतिम दिवस हवन पूजन व महा आरती की गई। महाप्रसाद का लाभ उपस्थित भक्तों ने लिया। अध्यक्ष ओमप्रकाश थलूजा, जितेंद्र शर्मा ने सभी का आभार प्रदर्शन किया। 
व्यास पूजन के मुख्य यजमान निर्मलादेवी तिवारी परिवार, सह यजमान सुनीतादेवी प्रकाशचंद हट्टिका परिवार, अनितादेवी गजानन पुरोहित परिवार, अभिषेक संतोष शर्मा परिवार, पुरुषोत्तम भोलाराम शर्मा, घनश्याम शर्मा, भोला महाराज परिवार, अभिजीत अभिषेक शर्मा ने किया। आज सुदामा- अजय शर्मा, द्वारकाधीश- तुषार पुरोहित, रुक्मिणी- मिताली पुरोहित पुरोहित बने। प्रसाद यजमान नम्रता मानिकचंद शर्मा थे। सफलतार्थ रविराज शर्मा, महेश पांखला, दुर्गा चोरवाले, मनोज शर्मा, चिरंजीलाल शर्मा, कैलाश शर्मा सहित अन्य प्रयासरत थे।