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13 सितंबर, 2025

हमें दूसरी भाषाओं को भी सीखने का प्रयास करना चाहिए : सुजाता सन्याल


उभरते सितारे मे 'भाषा की आवश्यकता'

नागपुर। मुस्कुराना जिंदगी के लिए बेहद जरूरी है। और, यह भी एक भाषा ही है। साथ ही  'दयालुता - करूणा' एक ऐसी भाषा है जिसे, बहरा भी सुन सकता है, और अंधा भी देख सकता है। इसीलिए हमें ऐसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए जो, एक दूसरे से संपर्क के लिए आसान हो। एक बहुत छोटा बच्चा भी जब बोल नहीं सकता तब भी, वह अपनी फीलिंग से बात करता है। मुस्कुराहट, स्पर्श करना, आंखों से देखना यह सब एक भाषा ही है। हमें दूसरी भाषाओं को भी सीखने का प्रयास करना चाहिए, यह लोगों को एक दूसरे के करीब लाता है। इसीलिए हर हाल में मुस्कुराते रहें। यह विचार सुजाता सन्याल ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखें।


विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'भाषा की आवश्यकता' पर आधारित शिक्षाप्रद, भावपूर्ण और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप मातृ सेवा संघ के अंतर्गत स्नेहांगण अपंग बच्चों को सेवार्थ शिक्षामित्र श्रीमती सुजाता सन्याल  उपस्थित थीं। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी और सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। इस अवसर पर स्नेहांगण स्कूल की मुख्याध्यापिका श्रीमती मृणाल देशमुख उपस्थित थी। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रस्तावना रखते हुए संयोजक युवराज चौधरी ने भाषा की आवश्यकता के अंतर्गत शब्द, स्वर, मौन और भावनाओं के आधार पर कही, सुनी और समझी जाने वाली भाषा को विस्तार से समझाते हुए इसकी आवश्यकता पर बल दिया।
 

तत्पश्चात, स्नेहागंण अपंग विद्यालय के बच्चों में कु. वानिया झाडे, प्रिंसी बंसोड़, संजना पात्रिकर, सिद्धार्थ भैरम आदि ने दिल को छू लेने वाली नृत्य की प्रस्तुति दी। अनुश्री टाले, आराध्या मुंदडा, भव्या अरोरा, श्रीशा बनारसे, आदित मींज, कोयल गेहानी, राम बागल और संजना पात्रिकर ने अपने गीतों से सबको प्रभावित किया। 
बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ-साथ मीनाक्षी केसरवानी, कृष्णा कपूर, देवस्मिता पटनायक, वर्षा मुंदड़ा, आशा वेदप्रकाश अरोरा, गीता सुरेश मिंज, प्रीती अभिजीत बागल, हेमा गेहानी और पुरुषोत्तम अग्रवाल आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग दिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।