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बढ़ते अपराधों पर अंकुश, पुलिस अधिकारियों पर दबाव कम करने प्रभावी उपाय हो : विधायक वंजारी


डिजिटल अपराध रोकने मजबूत प्रणाली विकसित हो: डॉ. केदारसिंह रोटेले

आम आदमी को भारतीय होने की आवश्यकता : प्रकाश दूबे

सेमिनार में उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा, नागपुर कारागृह के अधीक्षक वैभव आगे ने किया मार्गदर्शन

आम लोग : पुलिस, न्यायालय और जेल : मुद्दे और चुनौतियां विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन


नागपुर। देश में बढ़ती अपराध दर का सवाल है, आज के परिदृश्य पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है । सरकार को इन समस्याओं को समाप्त करने तथा राज्य को नागरिकों के लिए सुरक्षित आश्रय बनाने के लिए कानूनी व्यवस्था के उचित उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपराध पर अंकुश लगाने और पुलिस अधिकारियों पर दबाव कम करने का प्रभावी उपाय होना चाहिए। यह विचार विधायक एड. अभिजीत वंजारी ने व्यक्त किए। 

वे 25 अप्रैल, 2025 को रवि भवन, नागपुर में अठावले कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, भंडारा, नागपुर सिटी पुलिस, नागपुर, ऑरेंज सिटी कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, नागपुर, बोर्ड ऑफ स्टडीज ऑफ सोशल वर्क, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ, नागपुर तथा इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी, नागपुर चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'आम लोग : पुलिस, न्यायालय और जेल : मुद्दे और चुनौतियां' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटक के रूप में बोल रहे थे। 

इस अवसर पर उद्घाटक के रूप में एड.अभिजीत वंजारी, रोटेले ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष डॉ. केदारसिंह रोटेले, प्रमुख अतिथि के रूप में इंडियन सोसायटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी, नागपुर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ.उदय बोधनकर, उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता फिरदौस मिर्ज़ा, नागपुर कारागृह के अधीक्षक वैभव आगे, रोटेले ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की उपाध्यक्ष श्रीमती किरण ताई रोटेले, सचिव कु काजोल रोटेले उपस्थित थे। 


इस दौरान इंडियन सोसायटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी, नागपुर चैप्टर के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. उदय बोधनकर को संत कबीर चिकित्सा सेवा सम्मान से विभूषित किया गया। साथ ही संपादित पुस्तक 'साइबर साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया' का विमोचन भी किया गया।


सेमिनार में एड. अभिजीत वंजारी ने कहा कि दुर्भाग्य से कानून की खामियों का दुरुपयोग अमीरों द्वारा गरीबों के खिलाफ किया जाता है। उन्होंने राज्य में पुलिस अधिकारियों की सीमित संख्या के बारे में भी चिंता व्यक्त की, जिससे उन पर अत्यधिक कार्यभार पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि कम वेतन पाने वाले पुलिस अधिकारियों को लक्ष्य पूरा करने के लिए अनुचित तरीकों का सहारा लेना पड़ता है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध और विशेष रूप से वित्तीय धोखाधड़ी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह के सेमिनार आयोजित करने की सख्त जरूरत है।


इस अवसर पर रोटेले ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष एवं सेमिनार के उद्घाटक डॉ. केदारसिंह रोटेले आभासी रूप से सेमिनार में शामिल हुए।  उन्होंने कहा कि साइबर (डिजिटल) अपराधों को समाप्त करने के लिए एक मजबूत प्रणाली बनाने की आवश्यकता है। अपराध की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए उचित कार्यप्रणाली होनी चाहिए। साथ ही संबंधित तंत्र की गुणवत्ता को भी बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने व्यावहारिक रूप से कहा कि वर्तमान संगोष्ठी अपराध और अपराधी की मानसिकता को समझने में अत्यंत सहायक होगी। उन्होंने सभी से स्थानीय से वैश्विक होने के लिए दृढ़ कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने पहलगाम हमले की कड़ी आलोचना की और अपनी संवेदना व्यक्त की।

संगोष्ठी के अध्यक्ष दैनिक भास्कर समाचार पत्र समूह के समूह संपादक प्रकाश दुबे ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि संगोष्ठी का विषय इतना व्यापक है कि इसे दो सत्रों में समेटा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि जाती, धर्म से ऊपर उठकर आम आदमी को भारतीय होने की जरूरत है। उन्होंने हाल ही में नागपुर में हुए दंगों, पहलगाम में हुए हमले, देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिशों, लोगों में संवेदनशीलता खत्म होने, कानूनी जागरूकता की जरूरत, बढ़ती असहिष्णुता और कई अन्य ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार से बात की। इंडियन सोसायटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी, नागपुर चैप्टर के अध्यक्ष श्री उदय बोधनकर ने कहा कि समाज के प्रति, खासकर युवाओं में, दृढ़ विश्वास कम हो रहा है। रोटेले ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन की सचिव सुश्री काजोल रोटेले ने अपने संबोधन में आग्रह किया कि लोगों को अपराध दर को कम करने में व्यवस्था की सहायता करने के लिए अधिक ध्यान देना चाहिए। उन्होंने पुलिस के वेतन और कार्य की मानसिक पर ध्यान देने की बात कही। रोटेले ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन की उपाध्यक्ष श्रीमती किरणताई रोटेले* ने सेमिनार के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।

'आम लोग : पुलिस, अदालत और जेल : मुद्दे और चुनौतियां' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 25 अप्रैल 2025 को रवि भवन के सभागृह में रोटेले ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक अध्यक्ष स्व. डॉ. चंदनसिंह रोटेले तथा वर्तमान अध्यक्ष डॉ. केदारसिंह रोटेले, उपाध्यक्ष श्रीमती किरण ताई रोटेले, सचिव कु काजोल रोटेले की प्रेरणा और मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुई।*
सेमिनार के संरक्षक कार्यकारी प्राचार्य डॉ.नरेश कोलते, प्राचार्य डॉ. महेंद्र कुमार मेश्राम, संयोजक डॉ.चंद्रशेखर मालवीया, सह संयोजक डॉ. कविता कान्होलकर, समन्वयक डॉ. नंदकिशोर भगत, सह- समन्वयक प्रो. अमोलसिंह रोटेले, सदस्य डॉ. चंदू पाटिल के विशेष प्रयासों के कारण यह संगोष्ठी बहुत सफल रही।

पहले तकनीकी सत्र, 'आम लोग और न्यायालय : मुद्दे और चुनौतियां' में संसाधन व्यक्ति के रूप में उच्च न्यायालय, नागपुर खंडपीठ के वरिष्ठ अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने आईपीसी की विभिन्न कलमें और धाराओं के बारे में गहन जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आम आदमी को ही पुलिस, कोर्ट और जेल से सामना करना पड़ता है, उन्हें ही इनसे चुनौतियां है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति अपने कर्तव्य और नैतिक जिम्मेदारी से चले तो आम आदमी के मुद्दे और चुनौतियां खत्म होगी। सत्र की अध्यक्षता ऑरेंज सिटी कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, नागपुर के प्राचार्य डॉ. महेंद्रकुमार मेश्राम ने की। सत्र का समन्वय प्रो. अमोलसिंह रोटेले ने किया।

दूसरे तकनीकी सत्र में 'आम लोग : जेल : मुद्दे और चुनौतियां' में नागपुर केंद्रीय कारागार के अधीक्षक वैभव आगे ने जेल के कैदियों की सुविधाओं और व्यवस्था पर विस्तार से विचार रखे। उन्होंने कारागृह मैनुअल और कारागृहों में लीगल एड, भोजन, पैरोल, फरलो जैसी व्यवस्था पर चर्चा की ।  सत्र की अध्यक्षता मातृ सेवा संघ इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल वर्क, नागपुर के प्राचार्य डॉ. पुरुषोत्तम बोरकर ने की। उन्होंने कैदियों के मानसिक पहलू पर विचार रखे। सत्र का समन्वयन डॉ. चंदू पाटिल ने किया। इस सत्र में विशेष रूप से इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी, नागपुर चैप्टर के उपाध्यक्ष डॉ. केशव वाल्के उपस्थित थे। 

समापन सत्र में सत्र के अध्यक्ष मातृ सेवा संघ समाज कार्य संस्थान, नागपुर के प्राचार्य डॉ. पुरुषोत्तम बोरकर  ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में आम आदमी का मानसिक स्वास्थ्य गंभीर खतरे में है। उन्होंने आज बच्चों में बढ़ते मोबाइल, ऑनलाइन रुझान पर चिंता व्यक्त की। अठावले कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, भंडारा के कार्यकारी प्राचार्य डॉ. नरेश कोलते ने सेमिनार की सफलता पर संतोष व्यक्त किया और बधाई दी। ऑरेंज सिटी कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, नागपुर के प्राचार्य डॉ. महेंद्रकुमार मेश्राम ने कहा कि दोनों कॉलेजों के संयुक्त सहयोग से निश्चित रूप से फलदायी परिणाम सामने आए हैं। अठावले कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, चिमूर कि प्राचार्य डॉ. शुभांगी लुंगे, सेमिनार के संयोजक डॉ. चंद्रशेखर मालवीय ने सेमिनार की सफलता पर आनंद व्यक्त किया। 
संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन सेमिनार की सह संयोजक डॉ.कविता कान्होलकर तथा सेमिनार के समन्वयक डॉ. नंदकिशोर एस. भगत ने किया। आभार डॉ. सुलोक रघुवंशी एवं श्रीमती कल्पना मुकुंदे ने किया। सफलतार्थ संयोजक डॉ. चंद्रशेखर मालवीया, सह संयोजक डॉ. कविता कान्होलकर, समन्वयक डॉ. नंदकिशोर भगत, सह समन्वयक प्रा. अमोलसिंह रोटेले, डॉ. चंदू पाटिल, अमोल दौंड, डॉ. हेमंत देशमुख, प्रो. दीपरत्न राउत, प्रफुल आप्टे, अठावले कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, भंडारा और ऑरेंज सिटी कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, नागपुर के प्राध्यापकों, शिक्षकेत्तर  कर्मचारियों का सहयोग रहा। राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ
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