तंबाकू के जहर को जानते, पर गंभीरता नहीं समझते!
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31 मई : विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष
देश में आसानी से मिलनेवाला जहर है तंबाकू, जो धीरे-धीरे शरीर को खोखला करके घातक बिमारियों से जकड़कर असमय मारता है। समाज, देश उच्च शिक्षित और आधुनिक हुआ है, लेकिन लोगों के शौक भी बढ़ते ही जा रहे हैं, तंबाकू के नए-नए फ्लेवर मार्केट में उपलब्ध हो रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग तक बडे पैमाने में तंबाकू का सेवन करते हैं। आमतौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले तंबाकू उत्पादों में बीड़ी, सिगरेट और हुक्का शामिल हैं। भारत में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले धूम्ररहित तंबाकू उत्पादों में तंबाकू के साथ-साथ खैनी, गुटखा और सुपारी शामिल हैं। प्रतिदिन, तंबाकू और निकोटीन उद्योग नई पीढ़ी को आकर्षित करने और मौजूदा सेवनकर्ताओं को बनाए रखने के लिए तैयार किए गए उत्पादों और भ्रामक रणनीतियों का उपयोग बड़े ही शातिर ढंग से करते हैं।
हर साल तंबाकू के जहर के प्रति जागरूकता निर्माण करने हेतु 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, इस वर्ष 2025 की थीम है "अपील को उजागर करना: तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग नीतियों को उजागर करना।" विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट अनुसार, अनुमान है कि विश्व भर में 13-15 वर्ष की आयु के 37 मिलियन बच्चे तंबाकू का सेवन करते हैं। कई देशों में, वयस्कों की तुलना में युवाओं में ई-सिगरेट का प्रयोग अधिक है। ई-सिगरेट, निकोटीन पाउच और गर्म तंबाकू उत्पादों को बढ़ावा देने वाली विपणन सामग्रियों को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर 3.4 बिलियन से अधिक बार देखा गया है।
कई निकोटीन और तंबाकू उत्पादों में फ्लेवर पाए जाते है, इसमें लगभग 16,000 अद्वितीय फ्लेवर है, अक्सर फ्लेवर को निकोटीन और तंबाकू उत्पादों का उपयोग शुरू करने का मुख्य कारण बताया जाता है। यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में 83 ऑनलाइन स्टोर अवैध रूप से ई-सिगरेट बेच रहे है, इनमें से 61.4 फीसदी गूगल सर्च के माध्यम से तथा उसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से खोजे गए। यह ध्यान देने योग्य है कि लगभग आधे भारतीय ऑनलाइन स्टोर 2019 में प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दिखाई दिए।
अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल 4,90,000 से अधिक लोग तंबाकू के उपयोग और धूम्रपान के संपर्क में आने से मरते है। सिगरेट के धुएं में 7,000 से अधिक रसायन होते हैं, जिनमें से कम से कम 69 कैंसर का कारण बनते हैं। धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर से होने वाली लगभग 90 प्रतिशत मौतों और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से होने वाली लगभग 80 प्रतिशत मौतों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है। वर्तमान में धूम्रपान करने वालों में, धूम्रपान से संबंधित 73 प्रतिशत बीमारियाँ दीर्घकालिक फेफड़ों की बीमारियाँ हैं। धूम्रपान शरीर के लगभग हर अंग को नुकसान पहुंचाता है, यह कोरोनरी हृदय रोग, स्ट्रोक और कई अन्य कैंसर और बीमारियों का कारण भी है।
तंबाकू एटलस के अनुसार, भारत में धूम्रपान की आर्थिक लागत 1,971,145,052,480 भारतीय रुपए है, इसमें स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित प्रत्यक्ष लागतें तथा बीमारी और असामयिक मृत्यु के कारण उत्पादकता की हानि से संबंधित अप्रत्यक्ष लागतें भी शामिल हैं। भारत में वयस्क धूम्रपान करने वालों की संख्या 7,39,26,241 है। भारत में 8.9 प्रतिशत मौतें तंबाकू के उपयोग के कारण होती हैं। अनुमान है कि 2023 में भारत में 107,915,900,000 सिगरेट का उत्पादन हुआ। 2022 में, दुनिया की छह सबसे बड़ी तंबाकू कंपनियों का संयुक्त राजस्व 362 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। 2022 में, भारत ने 425,296 हेक्टेयर गुणवत्ता वाली कृषि भूमि पर 772,152 टन तंबाकू का उत्पादन किया, जिसका उपयोग पोषक अनाज उगाने के लिए किया जा सकता था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मुख्य तथ्यों अनुसार, तंबाकू का सेवन करने वाले आधे से ज़्यादा लोगों की मौत हो जाती है। तंबाकू से हर साल 8 मिलियन से ज़्यादा लोगों की मौत होती है, जिसमें अनुमानित 1.3 मिलियन गैर-धूम्रपान करने वाले लोग शामिल हैं, जो सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आते हैं। दुनिया के 1.3 बिलियन तंबाकू उपयोगकर्ताओं में से लगभग 80 प्रतिशत निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। 2020 में, दुनिया की 22.3 फीसदी आबादी ने तंबाकू का सेवन किया। तंबाकू उत्पादों का अवैध व्यापार दुनिया भर में स्वास्थ्य, आर्थिक और सुरक्षा संबंधी गंभीर चिंताएं उत्पन्न करता है। यह अनुमान लगाया गया है कि विश्व भर में उपभोग की जाने वाली प्रत्येक 10 सिगरेटों और तंबाकू उत्पादों में से 1 अवैध है। डब्ल्यूएचओ अनुसार, भारत में हर दिन लगभग 3600 लोग तंबाकू के सेवन के कारण मरते हैं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार के स्वास्थ्य एवं वृद्ध देखभाल विभाग के अनुसार, धूम्रपान से जीवन प्रत्याशा औसतन 10 वर्ष कम हो सकती है।
तंबाकू बोर्ड (एक स्वायत्त निकाय), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त जानकारी अनुसार, भारत में तंबाकू एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसल है, यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 45.7 मिलियन लोगों को रोजगार देता है और 2023-24 के दौरान राष्ट्रीय खजाने में 12,005.89 करोड़ रुपये का विदेशी मुद्रा योगदान देता है। भारत विश्व में तंबाकू उत्पादन में अग्रणी स्थान रखता है। 2022 के दौरान, भारत दुनिया में अनिर्मित तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक (एफएओ स्टेट डेटा, 2022), दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक (मात्रा के हिसाब से) और पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक (मूल्य के हिसाब से) होगा (आईटीसी ट्रेडमैप डेटा 2022)। भारत में फ्लू-क्योर्ड वर्जीनिया तंबाकू की विभिन्न शैलियाँ उत्पादित की जाती हैं, जो अपनी भौतिक और रासायनिक विशेषताओं में भिन्न होती हैं। इस तंबाकू बोर्ड का मुख्य उद्देश्य : उत्पादन को विनियमित करना, विदेशों में विपणन को बढ़ावा देना, तथा मांग और आपूर्ति में असंतुलन की बार-बार होने वाली घटनाओं को नियंत्रित करना, जो बाजार की समस्याओं का कारण बनते हैं। तंबाकू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक, तकनीकी और आर्थिक अनुसंधान को प्रायोजित करना, सहायता करना, समन्वय करना या प्रोत्साहित करना हैं।
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त जानकारी अनुसार, भारत सरकार ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 2007-08 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अर्थात एनटीसीपी शुरू किया, जिसका उद्देश्य है कि, तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना, तंबाकू उत्पादों के उत्पादन और आपूर्ति को कम करना, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 के तहत प्रावधानों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना, लोगों को तंबाकू का सेवन छोड़ने में मदद करना और तंबाकू नियंत्रण पर डब्ल्यूएचओ फ्रेमवर्क कन्वेंशन द्वारा समर्थित तंबाकू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए नीतियों के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाना है। एनटीसीपी को तीन स्तरीय संरचना केंद्रीय स्तर, राज्य स्तर, और जिला स्तर के माध्यम से क्रियान्वित किया जाता है। जिला स्तर पर तंबाकू उन्मूलन सेवाएं स्थापित करने का भी प्रावधान है। वर्तमान में यह कार्यक्रम देश भर के 600 से अधिक जिलों को कवर करते हुए सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जा रहा है। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत परिकल्पित विभिन्न पहलों के समग्र नीति निर्माण, योजना, कार्यान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार है। भारत सरकार ने तंबाकू छोड़ने के लिए एक राष्ट्रीय क्विटलाइन की स्थापना की है, सेवाओं के लिए टोल फ्री क्रमांक 1800 112 356 पर कॉल करें या 011-22901701 पर मिस्ड कॉल दें। धूम्रपान का हर कश अनमोल जिंदगी के पल तेजी से कम करता है। तंबाकू जहर है, तुरंत छोड़ें, सुखी जीवन से नाता जोड़ें।
लेखक - डॉ. प्रितम भि. गेडाम
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