ट्रंप की आवारगी
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अब्दुल्ला दीवाना,
वाह क्या अदा उसकी,
देखो तो इठलाना।
ये भी क्या बात हुई
बिन बुलाए जनाब आए
मामूली सी बात थी लेकिन,
पहले ही सुलझा गए।
कुछ आतिश बाज़ी हुई
हुए कुछ ज़ोर धमाके
रंगीन हुआ आसमान
हुए कुछ शोर-शराबे।
बुलाया तो न था
पर फूफाजी पधारे,
सब भूले दुल्हा- दुल्हन
उनके हुए वारे न्यारे।
बनाए थे शाही पनीर
बिरयानी लाजवाब,
पत्तल हुई ख़ाली
सब चाट गए जनाब।
ये भी क्या बात हुई
सुहाग रात से पहले,
अरमानों पे पानी फेर,
बीबी उड़ा ले भागे।
- डॉ. शिवनारायण आचार्य 'शिव'
नागपुर, महाराष्ट्र