सुरेखा खरे को दूसरी बार मिला 'गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' सम्मान
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छंदवद्ध वृहद हिंदी व्याकरण
नागपुर/रायपुर। नगर की प्रतिष्ठित वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती सुरेखा खरे सिद्धि की कृतियों को 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में शामिल किया गया उन्हें हिंदी व्याकरण को पद्य रूपांतरण में अपने विशिष्ट सहयोग के लिए सम्मानित किया गया यह पुस्तक 'छंदबद्ध हिंदी व्याकरण एक 'विश्व स्तरीय पद्य संकलन' है इस 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' की अधिकृत मुख्य संवाददाता डॉ. सोनल राजेश शर्मा ने इस पुस्तक को एक विशिष्ट पुस्तक का दर्जा दिया है छंदों के प्रयोग से व्याकरण की विषय वस्तु में गेयता आ जाने के कारण यह सरल और रोचक बन गई है यह पुस्तक शिक्षण संस्थानों में प्रेरणा दायी साबित होगी और सरलता से हृदयंगम कर सकेंगे।
यह सम्मान कार्यक्रम दिनांक 13 मई को (छत्तीसगढ़) के वृंदावन हॉल रायपुर में आयोजित किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार पीसी लाल यादव, मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग एवं राष्ट्रीय कवि संगम योगेश अग्रवाल, हिंदी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट जागरण जगदीश मित्तल, डॉ. विनय कुमार पाठक पूर्व राजभाषाअध्यक्ष, राजभाषा आयोग, अरुण कुमार निगम संस्थापक छंद, सोनल राजेश शर्मा अधिकृत संवाददाता 'गोल्डन बुक आफ रिकार्ड' मुंबई मध्य प्रदेश आदि के अनेक साहित्यकार सम्मिलित हुए।
विशेष सहयोग छत्तीसगढ़ सरकार के उपमुख्यमंत्री अरुण राव, सांसद बृजभूषण अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष राज्य मंत्री दर्जा छत्तीसगढ़, राजभाषा आयोग, कुलपति डॉ. विनय कुमार पाठक, का रहा।
'छंदबद्ध बृहद हिंदी व्याकरण' को शैक्षणिक एवं साहित्यिक संवर्धन में विश्व की प्रथम पुस्तक होने का गौरव प्राप्त हुआ है तथा इस गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से अलंकृत भी किया गया।
उक्त उपलब्धि के लिए सुरेखा खरे 'सिद्धि' के साथ- साथ अन्य साहित्यकारों को भी सम्मानित किया गया।
इस पुस्तक में कुल 111 सृजन कारों के माध्यम से 151 विषय वस्तुओं में संपूर्ण हिंदी व्याकरण को छंदोंबद्ध कर समेटने का एक अनुकरणीय प्रयास है। डॉ. इंद्राणी साहू, डॉ. पदमा साहू, डॉ. निर्माणी श्रीवास नियति के संपादन एवं देश के कई प्रांतों के 111 सृजन कारों के अथक सहयोग से इस अद्वितीय पुस्तक का प्रकाशन संभव हो पाया।