साहित्यिकी के अंतर्गत सफल रहा 'किताबें बोलती है' का आयोजन
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नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम साहित्यिकी के अंतर्गत 'किताबें बोलती हैं' का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार तन्हा नागपुरी ने की। अतिथि सत्कार सह संयोजक शादाब अंजुम ने किया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक प्रा. आदेश जैन ने किया।
कार्यक्रम में इंदिरा किसलय ने (प्रिया नीलकंठी- कुबेरनाथ राय), तन्हा नागपुरी (ऊंची उड़ान- राम बजाज), प्रीति दुबे 'हर्ष' (समकालीन भारतीय साहित्य), धृति बेडेकर (परिवर्तन की राह पर नन्हे पग), माधुरी राउलकर (जन्मदिन- विजय कुमार) बलदेव जूनेजा (मधुशाला- हरिवंशराय बच्चन), नीलम शुक्ला (चाहतों का मौसम- माधुरी राउलकर), शादाब अंजुम (अनुत्तरित- शगुफ्ता काज़ी), अशोक डोलस (कहानी), डॉ. राम मुले (प्रेरणा अंशु), हेमलता मिश्र (त्रिवली- राकेश भैया), अमिता शाह (अनमोल मोती- श्री श्री रविशंकर),
मेघा अग्रवाल (कर लो खुशियां मुठ्ठी में- रमा गर्ग), माया शर्मा (अच्छा नहीं लगता- आनंद राज आनंद), रमेश मौंदेकर (पावर ऑफ वन), माधुरी मिश्रा 'मधु' (सियाराम शरण गुप्त), आदेश जैन (स्पंदन), देवयानी बनर्जी (निराला रचनावली) सभी ने अलग अलग किताबों से अपने मन पसंद अंश पढ़कर सुनाए एवं कार्यक्रम की रोचकता को बनाए रखा।
कार्यक्रम में सुनील तिवारी, विजय तिवारी, लक्ष्मीनारायण केशकर आदि ने उपस्थिति दर्ज कराई।सह संयोजिका हेमलता मिश्र 'मानवी' ने सभी का आभार व्यक्त किया।