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माँ


मां ऑक्सीजन है, वेंटिलेटर है, 
रैमडेसिवर है, मां हौसला है, हिम्मत है, 
धैर्य है, सहनशीलता है, भगवान की सूरत है, 
त्याग की मूरत है। 

मां के बिना सारी दुनिया अधूरी है, 
मां लोरी है पप्पी है, जादू की झप्पी है। 
मां ईद की नमाज है सुबह की अज़ान है, 
दिवाली की पूजा है, क्रिसमस में प्रार्थना है। 

अमृत बेले अरदास है। मां खुशी है, गम है, 
हँसी है, आँसू. है, सिहरन है, 
तड़पन है, धड़कन है लड़कपन है। 
मां के सिवाय दुनिया में हर रिश्ता 
झूठा मतलबी फरेबी है, 
हर रिश्ते का अपना एक हेतु है 
लेकिन मां काहै आंचल जीवन का सेतु है।

- नीलिमा माटे
   नागपुर, महाराष्ट्र
काव्य 5398616378054784912
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