सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
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नागपुर, 6 अगस्त। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एवं राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में 7-8 अगस्त, 2025 को दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। संगोष्ठी सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के निमित्त *भारतीय राष्ट्रीय एकात्मता की संकल्पना और सरदार वल्लभभाई पटेल* विषय पर केंद्रित है। सरदार पटेल ने स्वाधीनता के पूर्व और पश्चात राष्ट्र के एकीकरण का महनीय प्रयास किया। भारतवर्ष की अखंडता को सुनिश्चित करना और रखना उनका संकल्प था। उन्होंने इसका जीवनपर्यंत प्रयास किया। उन्होंने देसी रियासतों को भारतीय गणराज्य का हिस्सा बनाकर भारतवर्ष के भौगोलिक, सामाजिक ताने-बाने को सुदृढ़ बनाया। उनके प्रयत्नों का ही सुफल है कि आज भारतवर्ष एक संप्रभुता संपन्न अखंड राष्ट्र है।
राष्ट्रीय एकात्मता को लेकर सरदार पटेल के सपनों और कार्यों के परिप्रेक्ष्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में वैचारिक मंथन अपेक्षित है। किसी भी राष्ट्र की, समाज की, परिवार की समृद्धि का मूलाधार है एकता। सबका साथ, सबका विकास तभी संभव होता है जबकि राष्ट्रीय, मानवीय हित में सबका विश्वास प्राप्त हो। सरदार पटेल ने सबका विश्वास अर्जित करते हुए सबके विकास का मार्ग दिखाया था। संगोष्ठी का लक्ष्य सरदार पटेल द्वारा राष्ट्रीय एकात्मता के लिए किए गए प्रयासों का पुनर्मूल्यांकन करना है तथा उन मार्गों की तलाश करना है, जिनके आलोक में 21वीं सदी में भारतीय गणराज्य को दुनिया का एक सक्षम और कल्याणकारी राष्ट्र बनाने का संकल्प पूर्ण हो।
संगोष्ठी का उद्घाटन अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलगुरु प्रो. ए.डी.एन.वाजपेयी, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. कुमुद शर्मा, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की कुलगुरु डॉ. माधवी खोडे चवरे की विशेष उपस्थिति में संपन्न होगा। बीज सत्र की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के कुलाधिपति प्रो. हरमहेंद्र सिंह बेदी करेंगे तथा बीज वक्तव्य भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास, शिमला के वरिष्ठ अध्येता प्रो. बृजेंद्र पांडेय प्रस्तुत करेंगे। इस संगोष्ठी में देशभर के विभिन्न विषयों के विद्वानों को आमंत्रित किया गया है।
मध्य प्रदेश शासन के पूर्व प्रमुख सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव, महाराष्ट्र शासन के पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. भूषण कुमार उपाध्याय, मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर प्रो. सुनील कुमार, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के प्रो. राजन यादव, रामायण केंद्र,भोपाल के निदेशक डॉ. राजेश श्रीवास्तव, केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील कुलकर्णी, विश्वविद्यालय के प्र-कुलगुरु प्रो. सुभाष कोंडावार और कुलसचिव डॉ राजू हिवसे , मानविकी संकाय के अधिष्ठाता प्रो. शामराव कोरेटी, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की संयोजिका शोभाताई पैठणकर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगी। संगोष्ठी के संयोजक हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि संगोष्ठी में राष्ट्रीय एकात्मता के प्रतीक पुरुष सरदार पटेल के योगदान पर विस्तृत चर्चा होगी