राष्ट्रीय एकता का आधार है हिन्दी : संजय अग्रवाल
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नागपुर। राष्ट्रीय एकता स्थापित करने में एक भाषा के रूप में हिन्दी की सबसे बड़ी भूमिका है। हिन्दी सम्पर्क और संवाद की भाषा है। वास्तव में, हिन्दी राष्ट्रीय एकता का आधार है। यह बात आयकर विभाग, भारत सरकार के संयुक्त आयुक्त श्री संजय अग्रवाल ने कही। वे हिन्दी विभाग, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित “हिन्दी दिवस समारोह” को सम्बोधित कर रहे थे।
श्री अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्र-निर्माण के कार्य में भारतीय भाषाओं की उल्लेखनीय भूमिका रही है। भाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं है बल्कि समाज को जोड़ने और राष्ट्र को एकीकृत करने का साधन भी है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री आर. एन. मिश्र, पूर्व निदेशक, वित्त विभाग, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल ने कहा कि हिन्दी की दुनिया का निरंतर विस्तार हो रहा है। हिन्दी समाज के सभी वर्गों को, राजभाषा के रूप में ही नहीं बल्कि जन भाषा के रूप में भी जोड़ने का कार्य कर रही है। प्रास्ताविक रखते हुए हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कहा कि समूचे विश्व को प्रभावित करनेवाली दो शक्तियां रही हैं - विचार और तकनीक।
विचारों के प्रचार-प्रसार तथा तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए भाषा की सबसे केन्द्रीय भूमिका होती है। हिन्दी आज न सिर्फ विचार की भाषा बल्कि तकनीक की भाषा के रूप में भी अग्रसर है। राजभाषा और राष्ट्रभाषा के साथ विश्व भाषा तथा ज्ञान - विज्ञान की भाषा के रूप में हिन्दी का प्रयोग बढ़ रहा है।
इस अवसर पर हिन्दी विभाग में निबन्ध लेखन, काव्यपाठ , कविता लेखन, गीत गायन तथा वक्तृत्व प्रतियोगिता आयोजित की गई। हिन्दी दिवस समारोह में उपर्युक्त पांचों प्रतियोगिताओं के प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त कुल १५ विद्यार्थियों को साहित्य और प्रमाण पत्र देकर अतिथियों के हाथों पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. लखेश्वर चन्द्रवंशी तथा डॉ. एकादशी जैतवार ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर नगर के प्रतिष्ठित साहित्यकार रामकृष्ण सहस्त्रबुद्धे, हेमलता मिश्र, संतोष बादल, श्री डबली, डॉ. सुमित सिंह, प्रा. जागृति सिंह, प्रा. दामोदर द्विवेदी, प्रा. विनय उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।