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छत्तीसगढ़ ने चहुंमुखी विकास किया है : डॉ. विनय पाठक


नागपुर/प्रयागराज। विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज, छत्तीसगढ़ इकाई के द्वारा छत्तीसगढ़ के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती समारोह का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर आभासी रूप से हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ श्री लक्ष्मीकांत वैष्णव के मां सरस्वती वंदना एवं स्वागत उद्बोधन  से हुआ। अध्यक्षता कर रहे डॉ. विनय पाठक, छत्तीसगढ़ राजभाषा के पूर्व अध्यक्ष, (राज्यमंत्री दर्जा) एवं कुलपति थावे विद्यापीठ गोपालगंज बिहार ने कहा कि आसंदी से उद्बोबोधित उदगार के उपक्रम में कहा कि छत्तीसगढ़ के रजत जयंती पर्व पर विश्व हिंदी सेवा संस्थान, प्रयागराज की छत्तीसगढ़ इकाई ने आभासी गोष्ठी संपन्न करके उल्लेखनीय कार्य किया है। इसके लिए उन्होंने संयोजक डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक के कुशल प्रबंधन एवं डॉ. गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी व डॉ. ओमप्रकाश त्रिपाठी के मार्गदर्शन को महत्वपूर्ण निरूपित करते हुए कहा कि इन पच्चीस वर्षों में छत्तीसगढ़ ने चंहुमुखी और बहुमुखी सोपान के द्वारा विकास के उत्कर्ष को स्पर्श किया है। 

छत्तीसगढ़ की समृद्ध ऐतिहासिक व सांस्कृतिक परंपरा का उल्लेख करते हुए डॉ. पाठक ने छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य को राष्ट्रीय क्षितिज पर रेखांकित करते हुए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की संकल्पना की सराहना की और इसके माध्यम से विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक मातृभाषा में अध्ययन व शोध तथा प्रतियोगिता परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ी के महत्व को उल्लेखनीय बताया।

मुख्य वक्ता रमेश चंद्र श्रीवास्तव, भारतीय सांख्यिकी सेवा से सेवा निवृत (आईं.एस.एस) ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के बाद प्रारंभ के सात आठ वर्ष प्रदेश की आधारभूत संरचना के विकास के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सामाजिक सुरक्षा पर पूंजीगत व्यय के बाद  छत्तीसगढ़ प्रगति पथ पर अग्रसर हो गया। पिछले दस- पंद्रह वर्षों से छत्तीसगढ़ का  चतुर्दिक विकास हुआ है। विनिर्माण, सेवा क्षेत्र और बिजली उत्पादन में छत्तीसगढ़ की तुलना भारत के उत्कृष्ट राज्यों से होने लगी है। प्रति व्यक्ति आय और सकल घरेलू उत्पाद की दृष्टि से छत्तीसगढ़ रेखांकित करने योग्य है। 

सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी विकास के सतत लक्ष्य को लेकर छत्तीसगढ़ निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर है। निश्चित रूप से विरासत के साथ विकास की प्रक्रिया की ओर उन्मुख छत्तीसगढ़ का भविष्य उज्ज्वल है। आने वाले वर्षों में यह भारत के शीर्ष राज्यों में एक होगा। अतिथि डॉ. गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी सचिव विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान प्रयागराज ने छत्तीसगढ़ के रजत जयंती पर बधाई शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अपने आप में एक संपन्न राज्य है। 

आयोजक संयोजक संचालन डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक ने कहा कि जेखर संस्कृति बोली के परंपरा हमर संपूर्ण जिंदगी के पहचान हे, जे भुइया म शहीद वीर नारायण जी जनम लेहे वो भुइया पर हमर जनम कुर्बान हे। अऊ जेला जम्मों कथें धान के कटोरा ओ छत्तीसगढ़ महतारी ला बारंबार प्रणाम है। स्वागत छत्तीसगढ़ी में गायन की प्रस्तुति टिकेश्वर और साथी के द्वारा किया गया। छत्तीसगढ़ रजत जयंती के समारोह में श्री लक्ष्मीकांत वैष्णव, खिलेश्वर कुमार साहू के द्वारा काव्य पाठ छत्तीसगढ़ को बखान करते हुए किया। 

हितेश कुमार साहू के द्वारा छत्तीसगढ़ी गीत की शानदार प्रस्तुति की गई। माधवी साहू ने छत्तीसगढ़ परिचय बताया। इस प्रकार छत्तीसगढ़ रजत जयंती समारोह बहुत ही धूमधाम से संपन्न हुई। आभार खिलेश्वर साहू के द्वारा किया गया। रजत जयंती समारोह में राष्ट्रीय स्तर और छत्तीसगढ़ के समस्त प्रबुद्धजन, साहित्यकार, कवि, प्राध्यापक गण एवं गणमान्य नागरिक की उपस्थित रही।
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