आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय ही सफलता की कुंजी है : रामकृष्ण गुप्ता
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नागपुर। 'आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय ही सफलता की कुंजी है। इन दो बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करके कोई भी कार्य किया जाए तो सफलता सुनिश्चित है'। ये विचार थे सुपरिचित समाजसेवी व अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष रामकृष्ण गुप्ता के जो उन्होंने विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के लोकप्रिय कार्यक्रम 'संवाद' में साहित्यकार डॉ सागर खादीवाला से खुलकर बातचीत करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सर्ववर्गीय समाज ने समाज व राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना रखनी चाहिए। कोई भी कार्य ऐसा ना करें जिससे हमें लज्जित होना पड़े। सर उठा कर जीना ही जीवन का लक्ष्य हो। समाज की एकता की भावना से ही घर में सुख शांति और सुरक्षा की भावना जागृत होती है।
उन्नत समाज राष्ट्र को नई दिशा के साथ बलशाली बना सकता है। हमें विश्व गुरु की कल्पना करनी चाहिए। परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी हो निराशा को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए तथा नकारात्मक सोच से स्वयं को दूर रखना चाहिए। जीवन में सफल होने के लिए यह बहुत ज़रूरी है। युवा पीढ़ी से उन्होंने विशेष रूप से आग्रह किया कि सभी ने अपने बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए व उनके अनुभवों से लाभ उठाना चाहिए। जीवन के हर क्षेत्र में नैतिकता का पालन अनिवार्य है और यही भावना समाज को सुंदर और समृद्ध बना सकती है। अपनी बाल्यावस्था से लेकर तो आज के मुकाम तक पहुंचने के दौरान आए विभिन्न पड़ावों, अनुभवों और रोचक संस्मरणों का उन्होंने विस्तार से उल्लेख किया। श्रोताओं के प्रश्नों और जिज्ञासाओं का भी आपने बड़े रोचक ढंग से समाधान किया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के श्रोतागण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

