सप्तरंग महिला चेतना मंच ने दुल्हन और शादी के लोकगीत प्रतियोगिता का किया आयोजन
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नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम सप्तरंग महिला चेतना मंच के मासिक कार्यक्रम की श्रृंखला में दुल्हन प्रतियोगिता और शादी के लोकगीत प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दुल्हन में सजी महिलाएं और लगन, हल्दी, कन्यादान, फेरे, आदि लोकगीतों ने कार्यक्रम में चार चांद लगाईं। कार्यक्रम की शुरुआत हमारे मुख्य अतिथि श्रीमती मौसमी भट्टाचार्या न्यायिक मण्डल श्रीमती श्री प्रिया सिन्हा और मिली वर्मा के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत उमा हरगन ने सरस्वती वंदना से किया। सप्तरंग संयोजिका डॉ स्वर्णिम सिन्हा ने मनमोहक और आकर्षक ढंग से मंच संचालन किया। अंतरंग सह- संयोजिका रेशम मदान मंचासिन रहीं। प्रथम सत्र शादी के लोकगीत प्रतियोगिता से प्रारंभ हुआ और प्रतिभागी रहीं सर्व श्रीमती भारती रावल (प्रथम) रजनी कौशिक (द्वितीय) रेखा तिवारी (तृतीय) संतोष बुद्ध राजा (संतावना) उमा हरगान (संतावना) नंदिता सोनी (संतावना ) संजीता गुप्ता (संतावना) अमित शाह , माया शर्मा , सारिका विजयवर्गीय, सुषमा अग्रवाल मालती पारीख, सुषमा भांगे, हेमलता मिश्रा मानवी, रश्मि मिश्रा, नंदिनी सुदामाला,
द्वितीय सत्र का प्रारंभ दुल्हन के गृहप्रवेश से शुरू हुआ दुल्हन प्रतियोगिता की प्रतिभागी रहीं आभा आसूदानी (तृतीय) अनीता गायकवाड (द्वितीय), विशाखा खंडेलवाल (संतावना), विधि गवलानी (संतावना) , अर्चना चौरसिया (प्रथम) श्वेता नवरे (संतावना), सास का किरदार निभाया सर्व श्रीमती छवि चक्रवर्ती , रूबी दास, भारती रावल, आरती पाटिल, प्रतिभा भोले , अल्का देशपांडे, सुषमा भांगे, गीता चावला ने। मन्नू मंडावी, सुनीता शर्मा,नीता वर्मा, अनीता गुप्ता, नंदा वज़ीर सदन में उपस्थित रहीं। सप्तरंग सहसंयोजीका सुजाता दुबे ने सभी का आभार माना।



