राज्य को एक्सीडेंट-फ्री बनाने के लिए कोई उपाय नहीं!
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नव निर्माण मल्टीपर्पस ऑर्गनाइजेशन के 5 साल प्रोजेक्ट कों नागपुर में लागू करने की प्रवक्ता मनोज मालवी की माँग
नागपुर। नव निर्माण मल्टीपर्पस ऑर्गनाइजेशन के प्रवक्ता मनोज मालवी का प्रोजेक्ट 5 साल लंबा है, इसे नागपुर में लागू करें उन्होंने यह मकसद बताया की महाराष्ट्र को एक्सीडेंट- फ्री और ट्रैफिक जाम- फ्री राज्य बनाने की कुल लागत 8,900 करोड़ रुपये है। पूरे विदर्भ को एक्सीडेंट-फ्री और ट्रैफिक जाम-फ्री इलाका बनाने की कुल लागत 1,907 करोड़ रुपये है। अगर नागपुर जिले को एक्सीडेंट-फ्री और ट्रैफिक जाम-फ्री इलाका बनाना है, तो कुल 650 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। जब तक सरकार यह पैसा खर्च नहीं करती और यह काम NNBS-NGO-नागपुर को नहीं देती, तब तक नागपुर जिले, विदर्भ और महाराष्ट्र राज्य को एक्सीडेंट-फ्री बनाने का विचार किसी के मन में नहीं है।
ट्रैफिक डिपार्टमेंट, सरकार या किसी दूसरी संस्था या व्यक्ति के पास इस समस्या को हल करने का कोई हल नहीं है। नवनिर्माण मल्टीपर्पस ऑर्गनाइज़ेशन नागपुर पिछले 13 सालों से कई सामाजिक काम कर रहा है। उनमें से एक है नागपुर शहर को एक्सीडेंट-फ्री और ट्रैफिक जाम-फ्री शहर बनाना। कई कोशिशें की जा रही हैं और हमारी कोशिशों से हमें एहसास हुआ है कि इस काम को करने के लिए नेताओं, सरकार और ट्रैफिक पुलिस डिपार्टमेंट को जितनी गंभीरता दिखानी चाहिए, वह नहीं है। यह हमने अपने तेरह सालों के अनुभव से महसूस किया है, इसलिए आज हम आपको बताने की कोशिश कर रहे हैं।
मुझे नागपुर शहर में हर दिन एक्सीडेंट की वजह से बर्बाद हो रहे परिवारों की बहुत चिंता है, इसलिए मैं यह मुद्दा पत्र परिषद में उठा रहा हूं। यह प्रोजेक्ट पांच साल पुराना है और मैं सरकार से मांग कर रहा हूं कि इसे नागपुर में लागू किया जाए। विषय सिर्फ महाराष्ट्र है। हमने रिसर्च की है कि महाराष्ट्र में हर दिन 41 लोग मरते हैं और 82 लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं। यह जानकारी ऑर्गनाइज़ेशन के प्रवक्ता मनोज मालवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। इस मौके पर फाउंडर रवि गाडगे पाटिल, प्रेसिडेंट दिलीप नरवाडिया, राजेश कुंभलकर, भगवानदास राठी, रमन पैगवार, नरेश निमजे, चंद्रकांत मोखरे, अश्विन हेडाऊ, सोनू साहू मौजूद थे।