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रूबी दास के हिंदी भ्रमण संग्रह ‘बेटी के गांव में’ का विमोचन


नागपुर। अर्पण सभागृह में आज सुप्रसिद्ध बांग्ला नाटक कर्मी रूबी दास ‘अरु’ का हिंदी भ्रमण संग्रह का विमोचन आज डीम्ड विद्यापीठ के कुलपति डॉ वेदप्रकाश मिश्रा के मुख्य आतिथ्य तथा और डॉ सागर खादीवाला की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। अविनाश बागड़े और अरुणा चटर्जी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थी।

मित्र परिवार तथा परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे। डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा जिन्होंने अपने मुख्य अतिथि आसंदी  से बोलते हुए शिल्पी दास बोस (बेटी) के रूप में श्रवण कुमार आज भी जीवित है ये प्रतिपादित किया।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सागर खादीवाला ने अपने अध्यक्ष वक्तव्य बताया कि प्रकाशन क्षेत्र में जो लोग अपना काम कर रहे हैं उसमें अविशा प्रकाशन के कार्यों की सराहना करते हुए मोर भवन में साहित्यकारों को समाज में विशिष्ट जगह में स्थापित हुए ये रेखांकित किया।

विशेष अतिथि  के लिए नया प्रयोग किया गया ईश्वरी चिट्ठी निकालकर सभागार में से ही एक साहित्यकार का नाम निकाला गया और उन्हें मंच पर बिठाया गया। अपनी भावनाएं प्रगट करते हुए अरुणा चटर्जी अपना गीत प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के पूर्व में मीरा जोगलेकर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की और रायपुर से पधारी चिन्मयी बनर्जी ने मधुर गीत प्रस्तुत कर सभा का मनोरंजन किया। शिल्पी दास बोस ने मां के प्रति अपने संबोधन में सभा को आंसुओं में भिगो दिया। 

अमरजीत दास के साथ लेखिका ने सहयोगियों पूनम हिंदुस्तानी, सी डी शिवनकर, अनिल मालोकर, चिन्मयी चटर्जी, मीरा जोगलेकर का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। सभा का सरस संचालन अविनाश बागड़े और अनिल मालोकर जी ने सारगर्भित आभार प्रदर्शन  किया।
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