स्वच्छता...
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बिखरी हो जब गंदगी,
करते बदबू की खोज ।
झुमते मच्छर मक्खी,
करते स्वच्छता रोज ।।
स्वच्छ रखो मन को,
बदलेगा परिवेश ।
दूर भगाओ गंदगी को,
स्वच्छ रहेगा प्रदेश ।।
साबुन से धोना हाथ जी,
है ये कोरोना काल ।
मास्क पहनना है जरुरी,
कठीण है जंजाल ।।
गली गली है चल रहा,
स्वच्छता का रथ ।
कचरा उसी में डल रहा,
स्वस्थता का पथ ।।
रखो नही कचरा कभी,
बनाकर सिर्फ ढेर ।
घंटा गाडी में डालो जी,
ना करो कभी देर ।।
जगह जगह हो स्वच्छता,
भाव कितना आसान ।
भाई, मान बढाओ देश का,
मेरा भारत महान ।।
- संजय बर्वे, नागपुर, महाराष्ट्र