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बाबासाहेब को सदानंद जी ने किया जीवन समर्पित

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति भूषण गवई का प्रतिपादन  

नागपुर। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति भूषण गवई ने दीक्षाभूमि स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महाविद्यालय के दादासाहेब कुंभारे सभागृह में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिति के दिवंगत सचिव सदानंद फुलझेले के तैलचित्र के अनावरण अवसर पर आयोजित समारोह में विचार व्यक्त किया कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिति के दिवंगत सचिव सदानंद फुलझेले को मैं गत अनेक वर्षों से जानता हूं। 

आंबेडकरी आंदोलन में अग्रसर रहने वाले वे वरिष्ठ कार्यकर्ता थे। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने उन पर धम्मक्रांति के विचारों का प्रसार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उस कार्य के लिए उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन ही समर्पित कर दिया। 

 न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारानुसार बौद्ध धम्म की सामाजिक उन्नति, विकास तथा कार्यों के लिए दिवंगत फुलझेने ने स्वयं को झोंक दिया। समता, न्याय, बंधुता और स्वतंत्रता यह लोकतंत्र के चार स्तम्भ हैं और डा. आम्बेडकर के आदर्श विचार समाज में और अधिक आगे ले जाने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। 

उसके अनुसार, भारतीय नागरिक होने के नाते सभी ने प्रयास करना चाहिए।  सांसद कृपाल तुमाने ने इस अवसर पर दिवंगत फुलझेले को अभिवादन करते हुए कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जैसे पारस का स्पर्श स्मारक समिति के दिवंगत सचिव सदानंद फुलझेले को हुआ।  

उन्होंने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर से प्रेरणा लेते बौद्ध धम्म और उनके विचार आगे ले जाने के लिए दिन-रात काम क्यिा । महापौर संदीप जोशी ने समिति के पूर्व सचिव सदानंद फुलझेले के रूप में दीक्षाभूमि के विचार और विकास के लिए सतत संघर्षशील व्यक्तित्व कालवश हो गया, इन शब्दों में उनका अभिवादन किया। 

नागपुर महानगरपालिका में उप महापौर रहते उन्होंने शहर विकास के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है।

इस अवसर पर सांसद कृपाल तुमाने, महापौर संदीप जोशी, पूर्व सांसद प्रा. जोगेंद्र कवाडे, एड. राजेंद्र गवई, स्मारक समिति के सचिव डॉ. सुधीर फुलझेले, भदंत नागार्जुन सुरई ससाई व विलास गजघाटे उपस्थित थे।
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