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आचार्यश्री कुंथुसागरजी गुरुदेव के तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हीरक महोत्सव




देश साधु संत, विद्वत, राजनेता उपस्थित रहेंगे


नागपुर। गणाधिपति गणधराचार्य भारत गौरव आचार्यश्री कुंथुसागरजी गुरुदेव के तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हीरक महोत्सव का आयोजन 30, 31 दिसंबर, 1 जनवरी को किया गया हैं. आचार्यश्री कुंथुसागरजी के शिष्य आचार्यश्री कनकनंदीजी गुरुदेव, आचार्यश्री पदमनंदीजी गुरुदेव, सारस्वतचार्य देवनंदीजी गुरुदेव, युवाचार्य राष्ट्रसंत गुणधरनंदीजी गुरुदेव, प्रज्ञायोगी आचार्यश्री गुप्तिनंदीजी गुरुदेव के सानिध्य और मार्गदर्शन में वर्चुअल किया जायेगा. 

कार्यक्रम की तैयारी के लिए वर्चुअल सभा का आयोजन किया गया था. उपस्थित आचार्य, भक्तों ने महोत्सव सुनियोजित करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए. सारस्वतचार्य देवनंदीजी गुरुदेव ने सभा में कहा महापुरुषों का जन्म लोककल्याण के साथ अपने  कल्याण के लिए होता हैं. वर्तमान श्रमण परंपरा के आचार्य कुंथुसागरजी हैं, जैन परंपरा के वरिष्ठ आचार्य हैं. 

इस अंतर्राष्ट्रीय हीरक महोत्सव में देश के दिगंबर जैन संत, श्वेतांबर जैन संत, हिंदू संस्कृति के संत, बौद्ध धर्म के संत, शिख समाज के संत, मुस्लिम संत के उपस्थिती में गुरु का गुणगान, सर्वधर्म साधुओं का संमेलन होगा. हमारे देश के शीर्षस्थ नेता, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को भी इस कार्यक्रम से जोड़ेंगे, यह महोत्सव वर्षभर चलेगा.   75 महिला मंडल के माध्यम से कार्यक्रम का आयोजन हो रहा हैं. 75 विद्वान, 75 संघपति, समाज के विभिन्न संस्थाओं के 75 समाजसेवियों सम्मान होगा.  

देश की सभी धर्मादाय संस्था को जोड़ने के प्रयास जारी हैं. सभी भक्तों को गुरुभक्ति में शामिल होना हैं. युवाचार्य गुणधरनंदीजी गुरुदेव ने मार्गदर्शन में कहा महिलाएं अपने-अपने घर में ही आचार्य कुंथुसागर विधान करें. 75 महिला मंडल द्वारा आयोजन करना हैं. पूजा, भाषण, गरबा, रांगोली, नृत्य अलग अलग कला प्रस्तुत करना हैं. 2020 को बिदाई देना हैं और आनेवाला 2021 अच्छा हो ऐसी प्रार्थना करना हैं. 

श्री श्री श्री रविशंकर, रामदेवबाबा, शिवमुनि, लोकेश मुनि, मुनि ललितप्रभ, मुनि चंद्रप्रभ इस आयोजन में शामिल होनेवाले हैं. 31 जनवरी को शाम 7 बजे से संगीत कार्यक्रम, कवि संमेलन और महामंत्र णमोकार से 2020 को बिदाई देंगे. आचार्यश्री गुप्तिनंदीजी गुरुदेव ने कहा आचार्य गुरुदेव का जन्मोत्सव थाटबाट से मनाया जायेगा. यह महोत्सव वर्षभर चलनेवाला हैं. मंडल के माध्यम से 75 द्रव्य, 75 दीप लेकर सभी को करना हैं. 

गणधर वलय विधान, चौसठ ऋद्धि विधान, कुंथुसागर विधान 30 दिसंबर को होगा  इसी दिन से महोत्सव का शुभारंभ होगा. सभी को ड्रेस कोड में रहना हैं, विधान जो नंबर मिलेगा उस नंबर पर तैयार रहना हैं, एक ही बार मौका मिलेगा. घर बैठे अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल हीरक महोत्सव होगा. उपस्थित आचार्यों का विधान में मार्गदर्शन मिलेगा. 

30 दिसंबर को दोपहर 1 बजे से विधान होगा. माताओं, युवाओं और कन्याओं का दिन रहेगा और पूजन कर पूण्य संचय करना हैं. गणिनी आर्यिका आस्थाश्री माताजी ने कहा सभी को 75-75 द्रव्य सामग्री पूजन में लेना हैं. गुरुभक्ति से करना हैं. 75 दीपक लेकर आरती करना हैं. आचार्यश्री विद्यानंदी जी गुरुदेव ने मार्गदर्शन किया. 

स्वर्णा काला नासिक, आर. के. जैन मुंबई, मीना झांझरी इंदौर, डॉ. रिचा जैन नागपुर, वैशाली नखाते नागपुर, संजय पापड़ीवाल औरंगाबाद, अनामिका बाकलीवाल इंदौर, सुमेर काला नासिक, पवन पाटनी ने वर्चुअल सभा में विचार रखे. संचालन नितिन नखाते ने किया.
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