आंचलिक साहित्यिक संस्था महाराष्ट्र इकाई की काव्य गोष्ठी
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मां जीवन का आधार : निक्की शर्मा
डॉ. शम्भू पंवार
नई दिल्ली। आँचलिक साहित्यिक संस्था,महाराष्ट्र इकाई द्वारा नव वर्ष पर शानदार काव्य गोष्ठी संस्था की अध्यक्षा वरिष्ठ साहित्यकार, लेखक निक्की शर्मा "रश्मि" ने अध्यक्षता में हुवी।
गोष्ठी का शुभारंभ कवयित्री वीणा आडवाणी,नागपुर की सुमुधर मां सरस्वती की वंदना से हुआ।
काव्य गोष्ठी में काव्य पाठ करते हुवे वरिष्ठ साहित्यकार, शिक्षाविद
प्रो. शरद नारायण खरे, मंडला ने कहा-
दिलों में चाहतें,जज़्बा,मुहब्बत की कहानी है
किसी का नाम लेकर ही, मचलती ये जवानी है।।
प्रसिद्ध कवयित्री निक्की शर्मा रश्मि,मुम्बई ने कहा-
पियूष दायिनी है ये, करुणा के अवतार ।
ममता स्नेहिल जिंदगी, माँ जीवन आधार ।।
वीना आडवानी ने गजल पेश की -
शबनमी रात का वो अफसाना याद है हमें
सुनो अब तक वो गुज़रा जमाना याद है हमें।।
को सभी ने बहुत पसंद किया।
अंतरराष्ट्रीय लेखक, साहित्यकार डॉ शम्भू पंवार की मां पर केंद्रित रचना-
मां तो मां ही होती है,
मां जैसा दुनिया मे कोई और नही,
सच तो कहा है किसी ने,
मां तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी?
की शानदार प्रस्तुति देकर सभी भाव विभोर कर दिया।
कवि शैलेन्द्र कुमार राना की पंक्तिया-
बैठा दिल के किनारे में सोचता डूब जाऊंँ मैं
गमों के गिर्दाब हैं घेरे सोचता डूब जाऊंँ मैं।।
अरविंद सोनी, रायगढ़ ने कहा-
सुनो इंसा जरा संभालो, करोना काल आया है,
घबराओ नहीं, समझो ये, शांति युग ही लाया है।
काव्य गोष्ठी का संचालन निक्की शर्मा और वीना आडवानी द्वारा सयुक्त रूप से सुंदर व मनमोहक रूप से संज़ोया गया बेहतरीन संचालन और काव्य रस की गंगा मे सभी ने खूब आनंद उठाया। संस्था के राष्ट्रीय महासचिव रुपेश कुमार जी के काव्य पाठ द्वको सभी ने बहुत सराहा।
काव्य गोष्ठी मे कवयित्री गायत्री ठाकुर आरती तिवारी, संजय जैन, अरविंद सोनी, योगिता चौरसिया, अंशु तिवारी, वी.अरुना, किशन सुनमुखदास भावनानी,
डा.मधुकर राव लारोकर,
कैलाश सराफ, शैलेंद्र राना जी सभी ने एक दूसरे की रचना को जुगलबंदी कर काव्य गोष्ठी के चार चांद लगा दिए।
अंत मे संस्था के उपाध्यक्ष डॉ शम्भू पंवार ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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ब्यूरो चीफ ट्रू मीडिया,
दिल्ली, चिड़ावा