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नायलॉन मांजे के उपयोग बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे : राकांपा




दुर्घटनाओं को रोकने जागरूकता रैली


नागपुर। संक्रांति के दौरान नायलॉन मांजा जानवरों को चोट पहुँचाती हैं। अगर मांजा  सड़क पर, पेड़ पर या कहीं और फंस जाती है, तो यह नागरिकों के जीवन को खतरे में डाल सकती है। परिणामस्वरूप, कई नागरिक और पक्षी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस मांजे  की वजह से कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। नायलॉन मांजे के उपयोग से पिछले वर्ष में सौ से अधिक नागरिक घायल हुए हैं। हालांकि, मांजे को अभी भी गुप्त रूप से बेचा जा रहा है। 

नागपुर में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) कई वर्षों से नायलॉन मांजे  के खिलाफ अभियान चला रही है और पिछले संक्रांति के दौरान, नायलॉन मांजे के उपयोग के खिलाफ जागरूकता पैदा की गई थी। इसने इस मांजे  के उपयोग को कुछ हद तक सीमित कर दिया। यद्यपि जिला प्रशासन ने पतंगों के लिए 'नायलॉन' धागे के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो पक्षियों और लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहा है, इसलिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता थी। 

इस संबंध में पत्र राज्य के गृहमंत्री अनिलबाबू देशमुख को उल्लंघन करने वालों (विक्रेताओं और उपयोगकर्ताओं) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और आईपीसी की धारा 304, 336, 337, 338 के तहत कानून बनाने कि मांग कि गयी है ।  इस संदर्भ में, जनजागृति अभियान का शुभारंभ आज सकरदा चौक से शुक्रवारी रोड तक किया गया। 

जन जागरूकता रैली में, पतंग के दुकानदारों और नागरिकों को सड़कों पर नायलॉन मांजे से होने वाले नुकसान और उन्हें न बेचने के बारे में जागरूक किया गया। शहर के प्रवक्ता श्रीकांत  शिवणकर  और नगरसेवक अशोक काटले द्वारा किया था। इस अवसर पर युवक अध्यक्ष शैलेन्द्र तिवारी, महिला अध्यक्ष लक्ष्मी सावरकर, छात्र अध्यक्ष रवि पराते, महबूब पठान, एकनाथ फाल्के, अजहर पटेल, आदित्य मेंढेकर, इंदिर सैनी और पार्टी के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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