कोरोना की नयी कहानी : हमारी बढ़ती परेशानी
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परिसंवाद में चिकित्सकों ने किया मार्गदर्शन
नागपुर। विदर्भ प्रादेशिक माहेश्वरी संगठन के अंतर्गत स्वास्थ्य समिति द्वारा 'करोना की नई कहानी, हमारी बढ़ती परेशानी' विषय पर परिसंवाद का आयोजन किया गया. जिसमें विदर्भ के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ अर्चना कोठारी, डॉ. कमल भूतड़ा, डॉ. महेश सारडा, डॉ. शैलेंद्र मूंधड़ा, डॉ. राजेश अटल, डॉ. स्वाति अटल ने चर्चा सत्र में भाग लिया.
इस कार्यक्रम का संचालन विदर्भ के विख्यात ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद मूंधड़ा व वरोरा से डॉ. विजय चांडक ने किया. कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि के रूप में त्रिभूवनदास काबरा (उपसभापति - अ. भा. महासभा) ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. और समाज बंधुओ को नियमित जीवन शैली, योगा प्राणायाम व संतुलित भोजन लेने की सलाह दी. कार्यक्रम की अध्यक्षता मदनलाल मालपानी (विदर्भ प्रादेशिक माहेश्वरी संगठन के निवर्तमान अध्यक्ष) द्वारा की गयी.
इस कार्यक्रम को लगभग 400 लोगों ने ज़ूम व फ़ेसबुक लाइव के माध्यम से भाग लिया व डॉक्टरो द्वारा दिए गए मार्गदर्शन का लाभ लिया. इस प्रकल्प को सफल बनाने लिए अध्यक्ष ॲड रमेशचंद्र चांडक, मानद मंत्री प्रा. डॉ. रमण हेड़ा कार्यक्रम के संयोजक डॉ गोविंद झंवर, (मेहकर), सह संयोजक डॉ विजय चांडक व पूर्ण कार्यकारणी समिति ने आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई.
डॉ. प्रमोद मूंदड़ा ने कहा कि
इस वर्ष कोरोना बीमारी के संक्रमण के कारण एक दूसरे से दूरी बनाकर हम इस संक्रमण को समाज में बढ़ने से रोक सकेंगे। कोरोना की वैक्सीन सुरक्षित है व सभी लोगों ने जल्द से जल्द कोरोना की वैक्सीन लगाना चाहिए।
डॉ. विजय चाडंक ने कहा कि
कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से ज़्यादा संक्रामक है व एक परिवार के लगभग सभी सदस्य इस बीमारी में पीड़ित हो रहे हैं, इस समय हमें सावधानी बरत कर इस संक्रमण को बडने से रोकना बहुत ज़रूरी है।
डॉ. अर्चना कोठारी का कहना था कि
घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करना, बार बार हाथ धोना व एक दूसरे से कम से कम छह फ़ीट की दूरी बनाए रखना कोरोना के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए नित्यांत आवश्यक है ।
डॉ. राजेश अटल ने कहा कि
कोरोंना संक्रमण के बाद अधिकतर लोग पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मरीज़ जिन्हें ब्लड प्रेशर, डाइअबीटीज़, हार्ट अटैक, कैन्सर की बीमारी है वो कोरोना के कारण मौत का शिकार हो सकते हैं, इसलिए इस तरीक़े के मरीज़ों में हमें साधारण से बहुत अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
डॉ. महेश सारडा का कहना था कि
समाज में सभी ने जिन्हें भी कोरोंना वैक्सीन उपलब्ध है, जल्द से जल्द वेक्सीन लगाना चाहिए इससे आने वाले समय में कोरोना संक्रमण होने की जोखिम कम होगी और यदि कोरोना संक्रमण हो भी जाता है तो उसकी तीव्रता कम होगी।
डॉ. शैलेन्द्र मुंदड़ा ने कहा कि
कोरोना बीमारी के निदान के लिए आरटीपीसीआर (RTPCR) टेस्ट एंटीजेन test की अपेक्षा ज़्यादा अचूक है। व्यवसायिक कारनो के कारण हमें अपने काम पर जाना ज़रूरी है, लेकिन काम पर जाते समय व काम की जगह पर एक दूसरे से छह फ़ीट की दूरी बनाए रखना, लगातार मास्क का उपयोग करना और बाद बार हाथ धोना कोरों से बचाव के लिए बहुत ज़रूरी है।
डॉ. स्वाति अटल ने कहा कि
आरटीपीसीआर (RTPCR) रिपोर्ट में यदि सीटी वैल्यू कम है तो मरीज़ के शरीर में कोरोंना के जंतु अधिक मात्रा में है व वे लोग अधिक लोगों में बीमारी का संक्रमण कर सकते है।