श्री गणेश टेकड़ी मंदिर के गर्भगृह का काम युद्ध स्तर पर शुरू
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नागपुर। श्री गणेश टेकड़ी सीताबर्डी मंदिर के गर्भगृह का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो चुका है। भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर के प्रवेश द्वार पर श्रीविग्रह की पूजा, अर्चना भक्तगण कर रहे हैं। साथ ही मंदिर के गुंबद और बाहरी परिसर में राजस्थान के गुलाबी पत्थरों को तराशने का काम तेजी से प्रारंभ हो चुका है। टेकड़ी गणेश की प्रतिमा दिव्य और स्वयंभू, ऐसी प्रतिमा शायद ही संसार में कहीं और होगी।
प्रथम पूज्य की यह दुर्लभ प्रतिमा पीपल के पेड़ की जड़ से निकली है यानी इस पावन स्थल पर गणपति के साथ ही पीपल के पेड़ के रूप में भगवान विष्णु भी विराजमान हैं। हालांकि स्वयंभू गणेश की यह प्रतिमा यहां प्रकट हुई कैसे, इस बारे में किसी को कोई जानकारी तो नहीं है, लेकिन इतना कहा जाता है कि गणेश की ये प्रतिमा सैकड़ों वर्ष पुरानी है। टेकड़ी गणपति की दिन में चार बार आरती होती है, जो यहां खास आकर्षण का केंद्र होती है।
टेकड़ी में भगवान गणेश के साथ-साथ विष्णु की भी पूजा हो जाती है। इस तरह यहां आने वाले श्रद्धालुओं को प्रथम पूज्य की आराधना के साथ विष्ण भगवान का भी आशीर्वाद मिल जाता है। मान्यता है कि गणेश और भगवान विष्णु की एक साथ पूजा करने से शनि के सारे कष्ट भी दूर हो जाते हैं। यही वजह है कि कोरोना संक्रमण के प्रभाव के चलते लॉकडाउन के तहत अभी मंदिरों में दर्शन करने की मनाही है लेकिन पहले चारों पहर यहां भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती थी।