हमेशा अपनी उन्नति के लिए रहे प्रयत्नशील : प्रो. माधुरी यावलकर
भाव सरगम का बहारदार कार्यक्रम हुआ आयोजित
नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का उपक्रम उभरते सितारे, नवोदित कलाकारों के लिए समर्पित मंच के अंतर्गत भाव सरगम का बहारदार कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें, सुविख्यात प्रो. माधुरी अनिल यावलकर प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थी.
इनका स्वागत वैशाली मदारे ने किया. अपने संबोधन में माधुरी यावलकर ने, बच्चों को मार्गदर्शन करते हुए, उन्हें अपनी प्रतिभा पहचानने के लिए और उस प्रतिभा का पूरा सम्मान करने के लिए विशेष जोर दिया. तथा हमेशा अपने उन्नति के लिए प्रयत्नशील रहने के लिए प्रयास करने का मार्ग बताया.
तत्पश्चात, भाव सरगम की शानदार प्रस्तुतियां कु.पीयाली देशपांडे, किमया नन्हई, जियान आहूजा, शुभम बिनेकर, सोहम सोनावने, पलाश घोड़के, सिद्धांत खापेकर ने दी. पूर्वी वैद्य और भानवी सतीश सिल्लोरे ने दिलकश नृत्य की प्रस्तुतियां दी. आर्या संदीप भोंगाडे ने एक्टिंग और मिमिक्री का शानदार प्रदर्शन किया. रेखा जोशी, मीनाक्षी केसरवानी, पल्लवी उधोजी, शरद आटे, सुनील भगत, मान्या आहूजा, शशिकांत बनकर, अनिरुद्ध खडसे, योगिता कांबले, युवराज खापेकर, संध्या माहुले, शुभदा देव, देवयानी भगत और सुनिल भगत ने भी गीत सुनाए. कार्यक्रम में वैशाली मदारे और घनश्याम नन्हई ने सहयोग किया.
नवोदित कलाकारों को डॉ. करुणा आटे, प्रो. लिपिका चक्रवर्ती, संतोष बुधराजा, महेंद्र आगरकर, अलका रूंगटा, रमेश अय्यर, पवन फुलमाली ने बहुत सराहा. कार्यक्रम का संचालन युवराज चौधरी ने किया.