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उभरते सितारे जैसे मंच सभी को उपलब्ध होने चाहिए : प्रो. डॉ. भगत


राह राही सफर मंजिल कार्यक्रम का हुआ दिलकश आयोजन

नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का उपक्रम उभरते सितारे, जिसके अंतर्गत नवोदित कलाकारों के लिए 'राह-राही-सफर-मंजिल' इस विषय पर दिलकश कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में प्रो. डॉ. सुनील भगत अतिथि के रूप में उपस्थित थे. इनका स्वागत घनश्याम नन्हई ने किया. 


अपने संबोधन में उन्होंने, इस मंच की विशेषता बताते हुए कहां की ऐसे मंच सभी को उपलब्ध होने चाहिए. जहां बच्चों के कला गुणों के विकास के लिए रास्ते मिल सके. तत्पश्चात बच्चों ने गायन वादन प्रस्तुत किया. जिसमें रणधीर चौधरी, केवलराम मौंदेकर और निशांत हटवार ने तबला वादन किया. लोकेश शंग्रपवार, ओम हटवार ने हारमोनियम वादन किया. मोहक लांबट ने कैसियो बजाया. 


शर्वरी उमाठे, किमया नन्हई, नंदिनी हटवार, अधिराज कामनवार, जियान आहूजा, सिद्धांत खापेकर, रौनक रूंगटा, शुभम बिनेकर, रेखा जोशी, पल्लवी उधोजी, निशा ठाकुर, मान्या आहूजा, शशिकांत बनकर, शरद आटे, संगीता कामनवार, युवराज खापेकर, अंजली बांगड़े और मीनाक्षी केसरवानी ने बढ़िया गीत सुनाए. राघव रूंगटा ने वेस्टर्न डांस किया. 

नवोदित कलाकारों को श्रद्धा चिंचालकर, भावना सोमानी, डॉ. लता काले, डॉ. करुणा आटे, प्रो. लिपिका चक्रवर्ती, राहुल बोबडे, सीमा लूहा, अभिजीत बागल, बाबा खान, संतोष बुधराजा, कल्पना आमधरे, आनंद डोंगरे और मीरा शर्मा ने बहुत सराहा. कार्यक्रम में वैशाली मदारे और घनश्याम नन्हई ने सहयोग किया. आभार कृष्णा कपूर ने माना. कार्यक्रम का संचालन युवराज कुमार ने किया.
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