राष्ट्रीय नागरी लिपि संगोष्ठी संपन्न
नागपुर/पुणे। आचार्य विनोबा भावे जी की सद्प्रेरणा से स्थापित नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली तथा उच्च शिक्षा शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय नागरी लिपि संगोष्ठी का आयोजन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता डॉ. अनिल शर्मा ‘जोशी’ उपाध्यक्ष, केन्द्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, आगरा ने की।
मुख्य अतिथि के रूप में दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नई के प्रधान सचिव श्री सेल्वराजन, विशिष्ट अतिथि के रूप में नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली के अध्यक्ष पूर्व कुलपति डॉ. प्रेमचंद पतंजलि, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के कुल सचिव डॉ. प्रदीप के शर्मा उपस्थित रहे।
संगोष्ठी का शुभारंभ स्नातकोत्तर विभाग की छात्राओं की सरस्वती वंदना से हुआ। नागरी लिपि परिषद के संयुक्त मंत्री श्री बाबा कानपुरी ने भी घनाक्षरी छंद में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नई के प्रधान सचिव श्री सेल्वराजन ने नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली के इस आयोजन की सराहना की। दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के कुल सचिव डॉ. प्रदीप के शर्मा ने नागरी लिपि परिषद द्वारा दक्षिण व पूर्वोत्तर के राज्यों में नागरी लिपि के प्रचार, प्रसार व विकास कार्य को रेखांकित किया।
नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली के महामंत्री डॉ. हरिसिंह पाल ने परिषद के विगत 46 वर्षों के इतिहास पर प्रकाश डाला। नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली के कार्याध्यक्ष डॉ. शहाबुद्दीन नियाज़ मुहम्मद शेख, पुणे, महाराष्ट्र ने नागरी लिपि परिषद के उद्देश्यों व कार्यों को स्पष्ट किया। गोष्ठी के अध्यक्ष डॉ. अनिल शर्मा ‘जोशी’ उपाध्यक्ष, केन्द्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, आगरा ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय एकता के लिए नागरी लिपि की भूमिका को अनिवार्य बताया तथा नागरी लिपि परिषद के इस कार्य में महनीय भूमिका की प्रशंसा की।
गोष्ठी में विनोद बब्बर, दिल्ली तथा केन्द्रीय हिंदी संस्थान, हैदराबाद के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे ने भी संबोधित किया। गोष्ठी में डॉ. वीरेंद्र यादव, पटना, डॉ. पुष्पा पाल, दिल्ली, श्रीमती किसलय शर्मा, दिल्ली, डॉ. नजीम बेगम, चेन्नई, श्री. कर्मवीर सिंह, हापुड़, उमाकांत खुबालकर, श्री. मोहन द्विवेदी, गाजियाबाद, श्रीमती सरोज शर्मा, दिल्ली, श्रीमती अंशुमाला यादव, पटना, परिषद के कोषाध्यक्ष आचार्य ओम प्रकाश, दिल्ली, डॉ. नागनाथ भेंड़े, कलबुर्गी, कर्नाटक, अक्षत गोयल, दिल्ली आदि महानुभावों ने सक्रिय सहभागिता की।
गोष्ठी का सफल संचालन परिषद की तमिलनाडु प्रदेश प्रभारी डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन ने किया तथा दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, उच्च शिक्षा व शोध संस्थान के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. मंजुनाथ अंबिग ने धन्यवाद ज्ञापन किया।