कानूनों एवं न्यायिक शिक्षा के जनजागृति की अधिक आवश्यकता : न्यायधीश सुहास भोंसले
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जिला विधि सेवा प्राधिकरण, भंडारा एवं आठवले समाज कार्य महाविद्यालय का आयोजन
नागपुर। जिला विधि सेवा प्राधिकरण, भंडारा, जिला व सत्र न्यायालय, भंडारा एवं आठवले समाज कार्य महाविद्यालय, भंडारा के अपराधशास्त्र व सुधारात्मक प्रशासन विभाग, करियर गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल, राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 11 नवंबर को दोपहर 12 बजे राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) कार्यक्रम का आयोजन आठवले समाज कार्य महाविद्यालय,भंडारा के सभागृह में किया गया।
इस अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में जिला विधि सेवा प्राधिकरण, भंडारा, जिला व सत्र न्यायालय, भंडारा के सचिव सुहास भोसले एवं सिविल जज जूनियर डिवीजन, ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास साहिल जैन उपस्थित थे।
अध्यक्षता महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉ. सरला शनवारे ने की। मुख्य रूप से अपराधशास्त्र व सुधारात्मक प्रशासन विभाग, करियर गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल के प्रमुख व कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. नंदकिशोर भगत, एनएसएस के प्रमुख डॉ. एन. एस. कोलते उपस्थित थे।
इस अवसर पर न्यायधीश सुहास भोसले ने विचार व्यक्त करते हुए कहा की आज समय की जरूरत है की विविध प्रकार के कानूनों एवं न्यायिक शिक्षा की जनजागृति अधिक प्रमाण में की जाए। शिक्षकों को पूरी जिम्मेदारी के साथ, विद्यार्थियों के मध्यम से विधि,न्यायिक शिक्षा के समस्त पहलुओं पर समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक शिक्षा तथा जनजागृति करनी चाहिए।
उन्होंने कई उदाहरणों के मध्यम से शिक्षा के महत्व को प्रतिपादित किया। उन्होंने जिला विधि सेवा प्राधिकरण, भंडारा के माध्यम से आठवले महाविद्यालय के विविध कार्यक्रमों में सहयोग करने तथा संयुक्त रूप से कार्यक्रम लेने का आश्वासन भी दिया। अध्यक्षीय संबोधन कार्यकारी प्राचार्या डॉ. सरला शनवारे ने किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में न्यायधीश सुहास भोसले का पुष्पगुच्छ से स्वागत डॉ. सरला शनवारे ने किया तथा न्यायधीश साहिल जैन का स्वागत डॉ. नंदकिशोर भगत ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नंदकिशोर भगत ने तथा आभार प्रदर्शन डॉ. ज्योति नाकतोड़े ने किया।
कार्यक्रम महाविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. चंदनसिंह रोटेले के मार्गदशन में संपन्न हुवा। प्रमुख रूप से डॉ. चंद्रशेखर मालविया, डॉ. चंदू पाटिल, डॉ. रवि चंदेल, डॉ. इलियास बेपारी, प्रा. सुनील उइके, डॉ. देवेंद्र सोनटक्के, डॉ. सुरेखा पाटिल, प्रा. अमोलसिंह रोटेले, डॉ. आरती पवार, प्रा. शिवकुमार बावनकुले, प्रा. रितेश बावनकर, डॉ. हेमंत देशमुख,
प्राचार्या आम्रपाली भिवगड़े, प्रा. बाच्छिल मैडम, प्रा. गणेर मैडम, ग्रंथपाल राजकुमार ठवरे, अधीक्षक दिलीप पटले, इंद्रजीत आमटे, धीरज बैस, पंकज ठाकरे, महेशसिंह सिसोदिया, गोस्वामी, प्रफुल्ल आप्टे, सुरेश सातपुते, प्रभाकर मेश्राम, प्रतिभा टेंभूरने, भूषण टेंभूरने आदि उपस्थित थे।