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रोटी बँक ने जरूरतमंद बच्चों के साथ मनाई दीपावली


नागपुर। रोटी बैंक, जिसकी शुरुआत इस विचार से हुई थी कि कोई भी भूखा नहीं सोएगा, अपने काम के दायरे का विस्तार कर रहा है और दीपावली उत्सव का आनंद लेने के लिए गरीब बच्चों को  फुलझडी के पैकेट और फराळ बांट गया। नागपुर रोटी बैंक ने फैसला किया है कि नागपुर में कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति भूखा नहीं सोएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए संस्था गरीबों, जरूरतमंदों और गरीब मरीजों के परिजनों को साल भर मुफ्त भोजन मुहैया कराती है। 

इस दिवाली, हमारे संगठन ने गरीबों और वंचितों के बीच दिवाली का उत्सव मनाने की कोशिश की है। उन्होंने इस त्योहार की खुशी को दोगुना करने का फैसला किया, खासकर बच्चों के बीच। लोक कल्याण समिति द्वारा संचालित कक्षाओं एवं अध्ययन कक्षाओं में भाग लेने वाले बच्चों को ग्रिन फटाखे एवं फराळ का वितरण किया गया। इसलिए इन बच्चों ने इस साल सचमुच दिवाली मनाई। मुफ्त में ग्रिन फटाखे एवं फराळ मिलने से गरीब और गरीब आबादी के बच्चों में खुशी का माहौल मे दिवाली मनाई। पिछले साल कोरोना के चलते बच्चे दिवाली का मजा नहीं ले पाए थे।

नागपुर रोटी बैंक ने करीब 24 मोहल्लों के इन गरीब, जरूरतमंद बच्चों के साथ- साथ स्टेशनरी और चिवड़ा, शंकरपाले, बर्फी एवं फूलों के पैकेट बांटे. ये सामान सिविल लाइंस के गजानन मंदिर में तैयार किया गया था। संस्था की ओर से गोंडमोहल्ला, आदिवासी नगर, कलमना मार्केट, बिनाकी नगर, मोतीबाग, महल, अंबाझरी सहित अन्य बस्तियों में  फुलझडी व  फराळ  का वितरण किया गया. प्रवासी श्रमिकों के बीच फराल भी बांटा गया। 

नागपुर रोटी बैंक एक गैर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री डी. शिवानंदन और नागपुर में इस संगठन का कार्य पूर्व पुलिस उपाधीक्षक डॉ. पुरुषोत्तम चौधरी देख रहे हैं।
इस संस्थान की शुरुआत 7 फरवरी 19 को नागपुर में हुई थी। कोरोना काल में भी नियमित रूप से 7 लाख जरूरतमंद लोगों को अन्न का वितरण किया जा चुका है।
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