अतिआवश्यक वस्तुओं का निर्यात कम करके देश में सस्ते दाम लागू करें सरकार
https://www.zeromilepress.com/2022/06/blog-post_7.html
गेहूं, चावल, दाल, आटा, तेल, शक्कर के भाव उफान पर
राशन कार्ड सभी वर्ग को देवें सरकार
नागपुर (आनंदमनोहर जोशी)। एक समय मात्र दस रुपए प्रति किलो बिकनेवाली शक्कर, गेहूं, आटे और अन्य अतिआवश्यक वस्तुओं के दाम कई गुणा बढ़ने से आम आदमी के घर गृहस्थी का बजट गड़बड़ा गया है। चुनाव के समय अमीर,गरीब,मध्यमवर्ग भारत के लोकसभा, विधानसभा, नगरपालिका, पंचायत चुनाव में सरकार के पक्ष, विपक्ष को स्वतंत्रता और उसके बाद वोट देते आए है। देश में चुनाव पूर्ण होने के बाद अपने वादे को भूल जाती है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश की जनता अनेक स्थानों पर साठ से पिछत्तर प्रतिशत बढ़चढ़कर मतदान करती है। जिसमें सभी वर्ग के माध्यम,अमीर, गरीब वर्ग बड़ी ईमानदारी के साथ अपने कामकाज को छोड़कर धूप, बरसात में लंबी कतार में लगकर अपना कीमती वोट सरकार के उम्मीदवार को देता है।
सरकार भी चुनाव से पूर्व महंगाई कम करने के वादे चुनाव घोषणा पत्र में करती है। अब तक देश में दर्जनों प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति भारत में शासन कर चुके है। जनता की चार से पांच पीढ़ियों ने समय समय पर मतदान करके भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में विश्वास करके दिग्गजों को तीन से चार बार लोकसभा में भेजा। वर्तमान में महामारी, युद्ध के कारण काफी महंगाई बढ़ गई है। अनेक देश भुखमरी की चपेट में आ रहे है। भारत यह कृषि प्रधान देश है। यहां की पचहत्तर प्रतिशत किसान फसलों में अनाज, गन्ना, सब्जियां, आलू, प्याज, लहसुन, अदरक,फल, फूल, ड्राय फ्रूट्स सहित अनेक प्रकार अतिआवश्यक वस्तुएं की उपज तैयार करते है।
भारत भी अनेक वस्तुएं वर्तमान में अन्य देशों को निर्यात कर रहा है। जबकि भारत जैसे देश में पर्याप्त मात्रा में गेहूं,चावल,दाल,गन्ना,तिलहन की फसलें, सब्जी,फल आदि के भाव आसमान छू रहे है। देश में इस समय सरकारी अनाज और निजी व्यवसाय के क्षेत्र के भाव में बहुत अंतर है। सरकार ऐसे समय सभी को राशन कार्ड नहीं देकर केवल एकही वर्ग को राशन कार्ड देने की योजना बना रही है। भारत के संविधान में सभी वर्ग को समान अधिकार दिए गए है। यह बात अलग है कि केशरी राशन कार्ड पर और गरीबों को राशन से अनाज की सुविधा देना सरकार ने अपना कर्तव्य समझा। लेकिन राशन कार्ड मध्यम और उच्च वर्ग से वापस छीनकर लेना यह लोकतंत्र के कानून का उल्लंघन होंगा।
आज भी स्थायी पते के लिए आधार कार्ड,आयकर कार्ड, लाइसेंस होने के बाद भी अनेक गरीब, मध्यम वर्ग मोबाइल के तकनीक से अनभिज्ञ है। ऐसे में भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सभी मतदान करनेवाले नागरिकों को अतिआवश्यक वस्तुओं के साथ राशन कार्ड की सुविधाएं देना जरूरी है। महामारी के बाद अनेक परिवारों पर आर्थिक संकट आ गया है।ऐसे में पांच से सात प्रमुख वस्तुओं के भाव अत्यधिक बढ़ जाने से सरकार अनाज, तेल, शक्कर, तिलहन, दाल, सब्जियों, आलू, प्याज का निर्यात सीमित करें।साथ ही भारत की जनता को अतिआवश्यक वस्तुओं को उचित मूल्य में उपलब्ध करावें।
जिससे कि आम मतदाता अपना जीवन यापन सुविधाजनक तरीके से कर सके।आज बाजार में गेहूं तीस रूपये, चावल पैतालीस से सत्तर रुपए, चना दाल पैसठ रुपए, तुअर दाल एक सौ दस रुपए, शक्कर अड़तीस रुपए, लाल पीसी मिर्च दो सौ पचास से चार सौ पचास रुपए, खाने का सोयाबीन तेल एक सौ पैंसठ रुपए, मुंगफल्ली तेल एक सौ पिंचानवे रुपए, सब्जियां चालीस से साठ रुपए, आलू पच्चीस से तीस रुपए प्रति किलोग्राम भाव हो गए है।आम जनता के वेतन अभी भी पुरानी दरों पर चल रहे है। ऐसे समय जब पेट्रोल, ईंधन, गैस के दाम भी बढ़ चुके है।
भारत के लोगों को निजी और सरकारी अस्पताल में दवा, फीस काफी महंगी होने से जीवन जीना दिनों दिन कठिन होता जा रहा है। आम भारतीय मतदाता का जीवन कठिन हो गया है। अतः भारत सरकार के पक्ष, विपक्ष को मंत्रालय स्तर पर विचार कर बढ़ रही महंगाई पर नियंत्रण करना अत्यंत आवश्यक है। आशा है भारत का केंद्रीय अन्न मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार के चुनाव विभाग जनता के मूलभूत सुविधाओं को और मजबूत करने में मदद करेगा।