'उभरते सितारे' में 'कलोपासना'
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नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित सदाबहार लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'कलोपासना' विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसमें, प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना कु. रिद्धी भूपेश मेहर अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। इनका स्वागत सुपरिचित समाजसेवी मंदाताई वैरागडे ने किया। इस अवसर पर पद्मविभूषण पं. गिरीजा देवी के शिष्य, शास्त्रीय गायक राहुल सहाय मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम में 'कलोपासना' विषय पर संयोजक युवराज चौधरी ने शुरुआत में प्रस्तावना रखीं। जिसमें उन्होंने किस तरह कला की उपासना, पुजा की जाए एवं उसे कैसे गुरु के पास कड़ी मेहनत से साध्य किया जाए यह समझाया। तत्पश्चात, बच्चों ने अपनी कला की सुंदर प्रस्तुतियों से प्रभावित किया।
जिसमें, संपूर्णा रेमंडल, निमिक्शा वैरागडे, नव्या सुनील तांडेकर, आराध्या मोहतुरे और विशेष रूप से रिद्धी मेहर ने शानदार शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति से मनमोह लिया। अर्नव बागल, आरोही मलकवडे, निमिक्शा वैरागडे, रितेश मलकवडे ने बहुत ही सुंदर गीत सुनाए।
बच्चों की कलात्मक सृजनता को रुचि खोसला, श्रुती सहाय मिश्रा, भूपेश मेहर, राजन जी खोसला, राजश्री मेहर, डॉ. जी. के. जैन, परविंदर सिंह, इंद्रायणी चौधरी, मोनिका रेमंडल, प्रिती अभिजीत बागल, मीनाक्षी केसरवानी, नंदिनी सुदामल्ला, मोनिष कुमार मुले, ओमप्रकाश कहाटे, प्रतिक्षा शेंडे आदि ने बहुत सराहा।
कार्यक्रम में गुणवंता और प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन सहसंयोजिका कृष्णा कपूर ने किया। तथा, सभी उपस्थित सुधिजनों, कलाकारों और दर्शकों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।