लेखक एवं निर्देशक विनोद कुमार सिंह का किया स्नेहिल सत्कार
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नागपुर। संतरा नगरी के लब्ध प्रतिष्ठित राजेंद्र शुक्ला कई नाट्य लेखन व निर्देशन एक्टिंग के साथ मंचन किए, तकरीबन कई सीरियल और फिल्मो में अपनी भूमिका निभाई। इसी के साथ - साथ तकरीबन 50 से भी अधिक नाटकों का लेखन व निर्देशन के साथ सराहनीय कार्य नाटक के क्षेत्र बखूबी अपना किरदार निभाया। राजेंद्र शुक्ला के विशेष आग्रह पर नागपुर में विनोद कुमार सिंह पधारे। संतरा नगरी के कलाकारों द्वारा विनोद कुमार का स्नेहिल सत्कार किया गया। कई वर्षो के बाद एक यादगार क्षण कलाकारों के संग साथ बिताया कुछ भूली बिसरी यादों के वो लम्हें यादकर सभी कलाकारों में एक उत्साह जगाया। सभी कलाकरों की एक याद के रूप में स्वयं सभी का वीडियो बनाया। विनोदजी बड़ी ही आत्मीयता के साथ अपना ममत्व कलाकारों के संग बिताया। यही होता एक कलाकार का दूसरे कलाकार के प्रति प्रेम, सही मायने में वो संतरा नगरी के कलाकारों में नई ऊर्जा से ओत प्रोत के साथ संचार करने का कार्य किया। इसी को कहा जाता है एक जमी से जुड़ा हुआ।
नागपुर के कई कलाकार को सीरियल और फिल्मों काम करने का दायित्व निभाया। विनोद कुमार सिंह भारतीय फिल्म के ख्याति लेखक एवं निर्देशक में कई फिल्मों व सीरियल का निर्माण किया। उन्होंने 2005 में फिल्म तुझको पुकारे का बतौर निर्देशक किया। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुवात UTV प्रोडेक्शन से सहायक निर्देशक धारावाहिक दूरदर्शन शान्ति से पहल की उसके बाद बालाजी टेलीफिल्म्स क्रेटिव निर्देशक में 5 वर्ष तक का प्रोजेक्ट किया। बालाजी के बाद केतन मेहता के साथ माया इंटरटेनमेंट में दीप्ति भटनागर के साथ दो वर्ष तक काम किया, उसके बाद चाचा चौधरी, कभी आए न ही जुदाई धारवाहिक का डायरेक्शन दिया, सोनी इंटरटेनमेंट टेलीविजीन प्रति दिन आने वाला सीरियल क्राइम पेट्रोल पोस्ट प्रोड्यूसर में सहयोगी रचनात्मक के प्रमुख रूप से काम किया। उन्होंने कई प्रोजेक्ट दूरदर्शन के लिए काम किए। सीरियल कौन, कामयाबी, अब काहू में, कोना करेचा, बंधन, इसी के साथ कई प्रोजेक्ट सुपरविजन प्रोड्यूसर प्रमुख के रूप में काम किया। कई निर्माता देखरेख और प्रक्षेपण प्रोजेक्ट पर काम किया।
टीवी सीरियल दूरदर्शन की शुरुवात सन 2005 से लगातार सीरियल किए जिनमें इतिहास, बंधन, एपिसोड का मुख्य सहायक निर्देशक के बतौर काम किया जिनमे काफी हाउस, घर एक मंदिर, कौन कहिन, किसी रोज, चाचा चौधरी, शकाला बूम बूम, घर वाली ऊपरवाली और सन्नी कभी आए न जुदाई, तुझको पुकारे, मोर रंग दे, पालखी, क्राइम पेट्रोल, क्राइम स्टोरी, रेड लाईट, शादी मुबारक, मैंड हाऊस , अबकी बारी बिपिन बिहारी, आधी दुल्हन सॉरी ब्रदर्स, पाजी दी लव स्टोरी,कहानी तेरी मेरी, टु स्टेशन मार्शल सीरियल सहायक निर्देशक के रूप में लगातार काम किया। 15 वर्षो तक थियेटर में राइटर, एक्टर, डायरेक्शन कई थिएटर ग्रुप इन इंडिया, महा भोज, कबीरा खड़ा बाज़ार में, पोस्टर, आला अफसर, सवा शेर गेंहू, स्पोर्टकस, जुलूस, मारीच सामवेद, बाबूजी, इंप्रेशन के चक्कर में, वेदेशिया, ज्योति जहाली वाला 39 वी महाराष्ट्र हिंदी राज्य नाट्य महोत्सव में बतौर जज रहे। उसके बाद आल इंडिया हिंदी रंग भवन नाट्य प्रतियोगिता 2017 में महाराष्ट्र गवर्नमेंट, उसके बाद पूरे महाराष्ट्र में हिंदी नुकड़ रंग भवन नाट्य प्रतियोगिता 2018 में, महाराष्ट्र शासन में निर्णायक की भूमिका की अदा की, इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में मुख्य निर्णायक 2019 से 2020 दो वर्ष तक लगातार काम किया, सर्टिफिकेट अवार्ड महाराष्ट्र सरकार की तरफ सन 1998 में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, मुंबई में निर्णायक की 2019 और 2020 मे भूमिका निभाई।
इस अवसर पर राजेंद्र शुक्ला ने कलाकरों का विधिवत परिचय करवाया। नगर जानेमाने कई रंगकर्मी अनिल पालकर, कुंदन सोनटक्के, रमेश शेड़के, अशोक चौहान, कृष्ण यादव, सुनील हीरेखन, राजेंद्र शुक्ला, डॉ. संजय कुमार, कवि व रंगकर्मी डॉ. कृष्णकुमार द्विवेदी, प्रदीप पराशर, नागराज स्वामी, अजय खोबरागड़े, आशीष पवार, इला कीर्ति, रूपाली डोंगरे, सागर मीरखेड, इसी के साथ अंत में नितिन बंसोड ने विनोद कुमार के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित की।