विदर्भ के विधायकों की तुलना में मुंबई, कोंकण, मराठवाड़ा के विधायकों ने उठाये अहम मुद्दे
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सत्ता पक्ष ने विपक्ष के विधायकों के अनेक मुद्दो पर किनारा किया
नागपुर (आनन्दमनोहर जोशी)। विदर्भ के नागपुर शहर में 7 दिसंबर से 20 दिसंबर तक चलने वाले शीतसत्र के दस दिनों में विधानसभा में विदर्भ के विषय में विपक्ष ने अनेक बार मुद्दों को सदन पटल पर रखने के प्रयास भी किये. लेकिन अधिकांश मुद्दों पर विपक्ष के विधायकों ने सदन से वाकआउट किया. प्रश्नकाल से पूर्व और प्रश्नकाल के बीच में विपक्ष के विधायकों ने आधुनिक काल की डिजिटल प्रणाली में डिजिटल, लाइव टेलीकास्ट बाईट भी दी. जो कि रोजाना विदर्भ, महाराष्ट्र, सम्पूर्ण देश के साथ विदेशों में भी ऑनलाइन पोर्टल पर देखी गई. जबकि समाचार पत्र में यह दूसरे दिन प्रकाशित हुई. इस बीच सदन की ख़बरें लाइव रूप में डिजिटल, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के डेढ़ सौ से दो सौ ऑनलाइन पत्रकारों ने जनता के समक्ष हकीकत बयां की. बदलते समय में अनेक पत्रकारों ने सदन के भीतर से ही लैपटॉप, मोबाइल के जरिए लाइव खबरें विश्व स्तर पर सदन का लेखाजोखा श्रोताओं, दर्शकों के बीच रखा.
विदर्भ को पिछले सात दशक से खिलोने की तरह छोटे झुनझुने देकर संतोष करने पर छोड़ दिया जाता है. विधानसभा के शीतसत्र के अंतिम दिन बुधवार को 22 तारांकित प्रश्न प्रश्नों में से केवल 3 से 4 प्रश्न पर चर्चा हुई. 7 दिसंबर से 20 दिसंबर तक कुल 158 तारांकित प्रश्न में से केवल 50 प्रश्नों पर सविस्तार चर्चा हुई. शेष प्रश्नों को अल्पकालिक प्रश्न,लक्षवेधी प्रश्न की श्रेणी में दस दिनों तक सदन में चर्चा के लिए रखा गया. विधानसभा में सैकड़ों प्रश्नों में कोंकण, मराठवाड़ा, मुंबई के विधायकों द्वारा पूछा गया. जबकि विदर्भ के प्रश्नों में दुष्काल,संतरों के निर्यात,प्याज,कपास, सोयाबीन की फसल के नुकसान के मुद्दे विधानसभा के सदन पटल पर रखे गए.जबकि विदर्भ के ग्यारह जिले के बेरोजगार युवाओं ने 7 से 20 दिसंबर तक कुल 111 मोर्चे निकाले,121 धरना प्रदर्शन और 25आमरण अनशन हुए.
कुछ लोगों ने बेरोजगारी अन्य मुद्दों के चलते आत्मदहन तक की तैयारियां की. जिसे राज्य के 13 हजार पुलिस कर्मचारियों, 8 कम्पनी जवन की सहायता से बड़ी चतुराई, वाक्पटुता से उन पर क़ाबू पाया गया.
विधानसभा में विरोधीपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि सत्तापक्ष ने विदर्भ के प्रस्ताव को अनदेखा कर दिया. उधर पात्र परिषद् में पत्रकारों से बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सम्पूर्ण सत्र में विपक्ष ने विदर्भ का कोई ठोस प्रस्ताव लाया ही नहीं.
उलटा अनेक समय विपक्ष के विधायकों ने सदन से बाहर जाकर अपना समय सीढियों पर ही बिताया. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि यह अधिवेशन उनके संपूर्ण जीवन का ऐतिहासिक सत्र रहा.
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा कि 7 से 20 दिसंबर तक चले विधानमण्डल के शीतसत्र में 10 दिनों तक सभापति राहुल नार्वेकर ने एक मिनट भी व्यर्ह नहीं होने दिया. विरोधी पार्टी के नेता अम्बादास दानवे ने कहा कि सत्तापक्ष ने केवल सदन पटल पर केवल कागजी घोषणाएं ही की है.
विदर्भ को शीतसत्र 2023: में व्यर्थ की आंकड़ेबाजी की गई. जबकि अपराध सम्पूर्ण राज्य में बढ़ रहे है. जात पात के नाम पर एक दूसरे को लड़ाया जा रहा है. मराठा आरक्षण के विषय पर बात करने पर समय बीत जाने के बाद भी उसका कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
एक प्रश्न के जबाब में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के हित में लगातार 3 दिनों तक चर्चा करा चुकी है. संविधान के दायरे में रहकर आरक्षण का हल शीघ्र ढूंढा जाएगा.पिछड़ा वर्ग समाज की भी सरकार हितैषी है अगले माह तक पिछड़ा वर्ग पर आयोग की रिपोर्ट आ जायेगी.
विधान परिषद में वारनाली अस्पताल के लिए आवश्यक निधि, ठाणे महानगरपालिका के कार्यक्षेत्र के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्प्ताल कलवा में मरीजों की मौत,समृधि महामार्ग पर हादसे रोकने के लिए शम्भुराज देसाई का प्रश्न,चंद्रपुर मेडिकल कॉलेज की खरीद की जांच,चंद्रपुर जिला बैंक की जांच,स्कूलिंग में सोलर प्रकल्प को लेकर विधायक संजय सावकर के प्रश्न यशोमति ठाकुर द्वारा आंगनवाड़ी सेविकाओं के मुधे पर तीखी नोकझोंक हुई.
विधानसभा में मेट्रो को विद्दुत शुल्क माफ़ी के विधेयक को मंजूरी मिली. विधान परिषद में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों में प्रतिपक्ष नेता अम्बादास दानवे द्वारा कौशल विकास मंत्री मंगल प्रताप लोढ़ा पर आरोप लगाया कि लोढ़ा पालक मंत्री भी है.
उनकी आँखों के सामने अवैध निर्माण कार्य हो रहे है. इसपर लोढा भड़क गए. लोढ़ा ने कहा कि दानवे ने उनका नाम लिया. पिछले अनेक वर्षों से उनके व्यापारिक कार्य है.
सभी कार्य वैध है. साथ ही लोढ़ा ने यह भी कहा कि पिछले 30 वर्षों से वे विधानसभा के सदस्य है. उनके खिलाफ एक भी सबूत पेश होने पर वे मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे देंगे. इसपर उपसभापति नीलिमा गोर्हे ने इस्तीफा ना देने की विनती उनसे की.सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि सदन में मंत्री का नाम लेना है तो नोटिस देने का नियम है. बार बार ऐसा क्यों सदन में विपक्षी नेता यह कार्य कर रहे है उपसभापति ने हस्तक्षेप करके आखिर विराम दिया. चिकित्सा विज्ञान से मेडिकल विषय पर डिग्री लेने का मामला भी विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठाया गया.
इसपर मेडिकल शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार पंजीकरण और एक साल की इंटर्नशिप का नियम है. विद्यार्थियों को इसके लिए परीक्षा देनी होगी. विधानसभा में कामगार मंत्री डॉ. सुरेश खाडे ने कहा कि नागपुर जिले के बाजारगांव स्थित रक्षा उत्पाद बननेवाली सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड कंपनी के 9 कर्मचारियों के वारिसों कंपनी के मार्फ़त नौकरी दी जाएगी.
विधानसभा शीतसत्र के अंतिम दिन भी विधानभवन पर 2 मोर्चे पहुंचे. सरकारी अस्पताल का निर्माण वर्धा में होने के विषय में तख्ती लेकर सैकड़ों नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए. दूसरे मोर्चे में बैलेट पेपर से मतदान कराये जाने की मांग को लेकर समाजबक्रान्ति आघाडी के अनेक सदस्य मोर्चे में शामिल हुए.