उभरते सितारे में 'जल का महत्व'
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नागपुर। शहरों और गांवों के आसपास फैक्ट्री आ जाने से, फैक्ट्री से निकला हुआ रसायन आसपास के नदी नालों में मिलकर पानी को दूषित कर रहे हैं। नदियों को दूषित होने से बचाना है। तथा, भूजल को पुनर्जीवित करना आवश्यक है। पृथ्वी पर 70% जल और 30% जमीन है। जिसमें 97% खारा पानी समुद्र के रूप में, तथा तीन प्रतिशत मीठा जल है। इसमें दो परसेंट ग्लेशियर और बर्फ के रूप में है। तथा, सिर्फ एक परसेंट पीने का जल उपलब्ध है। इसीलिए पानी को संग्रहित करना बहुत जरूरी है। पानी को व्यर्थ ना गंवाते हुए जमीन और पेड़ पौधों में देना जरूरी है। यह विचार अभियंता श्री प्रशांत दासरवार जी ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखा।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं के लिए लोकप्रिय उपक्रम ,'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत ज्ञानवर्धक संगीतमय कार्यक्रम 'जल का महत्व' थीम पर, उत्कर्ष हॉल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उप विभागीय अभियंता (जलापूर्ति) ग्रामीण, नागपुर के श्री प्रशांत दासरवार जी उपस्थित थे । इनका सत्कार संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागतवस्त्र और मोमेंटो देकर किया।
इस अवसर पर पदमा इंटरनेशनल स्कूल की निर्देशिका श्रीमती नीरजा शंभरकर, अशिमा बोस और प्रा. पूर्णिमा दत्ता प्रमुखता के साथ उपस्थित थीं।
सबसे पहले कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए संयोजक युवराज चौधरी ने बच्चों और उनके अभिभावकों को जल का महत्व बताते हुए कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। तथा समझाया कि पीने के जल को बिल्कुल व्यर्थ न जाने दें।भविष्य के लिए इसकी एक एक बूंद को बचाना और संग्रहित करना बहुत जरूरी है।
तत्पश्चात, कुछ बच्चों ने भी इस विषय पर प्रकाश डालते हुए बहुत ही सुंदर प्रस्तुतियां दी। जिसमें संपूर्णा रेमंडल ने 'बूंद बूंद जल को सुरक्षित करना जरूरी है' सुंदर कविता के माध्यम से समझाया। पंक्ति ऐखरकर, प्रेरणा बढनेरे, वैभवी पांडे, रोनिका राॅय, आराध्या चौधरी, ऋत्विज डोंगरे, हर्षिका वासनिक, सानिध्या चहांदे, देवांश गंजीर, संपूर्णा रेमंडल और पूर्वी वैद्य के मनमोहक नृत्य ने सबका दिल जीत लिया। सोनल डोंगरे, भव्या अरोरा और राम बागल ने शानदार गीत सुनाए।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को नीरजा शंभरकर, कृष्णा कपूर, बाबा खान, मोनिका रेमंडल, आशा वेदप्रकाश अरोरा, प्रीति बागल, देवस्मिता पटनायक, सुहास तिरपुडे, वैशाली मदारे आदि ने खूब सराहा। कार्यक्रम में कृष्णा कपूर और प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। तथा, संचालन के साथ-साथ, उपस्थित दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।