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फागुन आयो रे : सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश के 8 राज्यों से विभिन्न कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देने सम्मलित हुए

फागुन आयो रे : सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश के 8 राज्यों से विभिन्न कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देने सम्मलित हुए 

     

                           


नव पंख लगे, कोंपल फूटी! बिखरी बहार इस फागुन की, चहुँ ओर से आए हैं मेहमां, फैली खुशबू आयोजन की।

केशव कल्चर के तत्वाधान में 3 मार्च को  फाग महोत्सव का भव्य आयोजन बंग भवन मुक्तधारा ऑडिटोरियम में किया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध कत्थक गुरू पंडित ममता महाराज जी तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर माँ शारदे का आह्वान किया। गीता जेडे ने सरस्वती- वंदना से कार्यक्रम का शुभारम्भ कियाl सरिता गर्ग 'सरि' ने स्वरचित स्वागत गीत गाकर सभागृह में उपस्थित मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि तथा सभी दर्शकों का स्वागत कियाl इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश के 8 राज्यों से विभिन्न कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देने सम्मलित हुएl


कार्यक्रम की अति विशिष्ट  अतिथि अंतर्राष्ट्रीय गायक गीता जेडे (पुणे) कार्यक्रम में उपस्थित रहीं l अन्य विशिष्ट अतिथियों में डा. धनंजय मणि त्रिपाठी (गोरखपुर) सरिता गर्ग सरि (जयपुर) 'निर्दलीय' के संपादक कैलाश आदमी (भोपाल),  सुरेश खांडवेकार एवं कविता मल्होत्रा (दिल्ली), सीमा रहस्यमयी (आगरा) ने अपनी उपस्थिति देकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाईl मंच संचालन नृत्य गुरू दुर्गेश्वरी सिंह एवं विनीता लवानियां द्वारा किया गयाl


कार्यक्रम में कविता मल्होत्रा (वात्सल्य) ने संस्थापिका दीप्ति शुक्ला को मीराबाई सम्मान देकर सम्मानित किया l कार्यक्रम में संस्था द्वारा  'फागुन आयो रे' नामक साझा संकलन का भव्य विमोचन किया गयाl यह पुस्तक 30 से भी अधिक कवियों का साझा संकलन है जिसके रंगीन पन्नों को सुन्दर चित्रों से सुसज्जित कर फाग की रचनाओं में क्षितिज नागपाल और तेजश्री वरधावे द्वारा मनमोहक रंग उकेरे गए l इस पुस्तक पर श्री कृष्ण जी की विशेष कृपा है जिसके फलस्वरूप पद्मविभूषण पंडित. ब्रजमोहन (बिरजू महाराज) की रचना से इस पुस्तक का मान बढ़ा हैl और संस्थापिका दीप्ति शुक्ला ने श्री बाँकेबिहारी जी के चरणों में पुस्तक भेंट कर उनकी असीम अनुकम्पा का रसास्वादन कियाl 


कार्यक्रम में संस्थापिका दीप्ति शुक्ला द्वारा 56 कलाकारों को अभिनन्दन पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया l साथ ही ममता शर्मा, अनुराधा, पूजा यादव, आशिमा 'कृष्णा' ने गीत गाकर सुन्दर प्रस्तुतियाँ दीl रंगारंग कार्यक्रम में बाल कलाकारों में आर्शीया महाजन, ईवा भटनागर, अरित्रिका चटर्जी, सरन्या गजभइये एवं ⁠शिप्रा अग्रवाल, प्रणव, गौरव, तनिष्का, रोशनी लाडो एवं अनुराधा वर्मा, कोरियोग्राफर पूजा भटनागर एवं विनीता लवानियां ने मनोरम नृत्य प्रस्तुतियाँ दी।
            

कवियों में सीमा रहस्यमयी, नीरू सचदेवा, प्रदीप मिश्रा 'अजनबी', सीमा शर्मा 'मंजरी', विजय सिंह धाकड़, रंजीता जोशी, निशा बुधे झा, शिव राज सिंह राव, नरेश बजाज केवल, जयंती प्रसाद यादव, सुजाता प्रदीप कुमार, पिंकी राठी, समर बहादुर 'सरोज', पारुल राज, साक्षात् भसीन, ऋतु रस्तोगी, आदि कौस्तुभ कवियों ने सुन्दर काव्य पाठ किया, दीपेश गौर, बबली सिन्हा 'वन्या', पूजा श्रीवास्तव एवं संगीता वर्मा की उपस्थिति वंदनीय रही।
      

60 वर्षो से चल रही जाहनवी मासिक पत्रिका के संपादक भारत भूषण चड्डा एवं उनकी पत्नी का शाल उढ़ाकर सम्मान किया गयाl कैलाश आदमी ने निर्दलीय मासिक पत्रिका का लोकार्पण किया l संरक्षक सुरेश खांडवेकर और सरिता गर्ग ‘सरि’ ने कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रसंशा कीl
         

डा. तेजश्री वरधावे (बोस्टन), भार्गवी रविंद्र (बंगलोर), सुधीर श्रीवास्तव (गौडा), सुनीता श्रीवास्तव (सुल्तानपुर), काजल पौनिया (हाथरस) ज्ञानेश्वरी सिंह सखी (पुणे) एवं महानिदेशक प्रतिभा शर्मा (बड़ौदा) ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए संस्था व समस्त टीम को शुभकामनाएं दी l आयोजन की आशातीत सफलता हेतु समस्त केशव कल्चर परिवार बधाई का पात्र है।
     
संस्था कार्यक्रम के सहयोगकर्ता कविता मल्होत्रा, सेठ रामनिवास गुप्ता, अनुज  कुमार तिवारी, संतोष कुमार,  सुरेश खांडवेकर, सरिता गर्ग सरि, डा. ममता गाबा, समर बहादुर 'सरोज', डा. ममता गाबा, आचार्य हर्षद त्रिवेदी, अर्पणा आर्या 'ध्रुव' एवं कामिनी भारद्वाज, नीरू सचदेवा का आभार प्रकट करती हैl कविता मल्होत्रा, क्षितिज नागपाल, मंशा नागपाल, ममता ओजस भवसार, सोनू श्रीवास्तव, मनीषा पाराशर,  सुधांशु पाराशर एवं श्रिया पाराशर ने कार्यक्रम को सफल बनाने में भरपूर सहयोग कियाl

कार्यक्रम के मीडिया पार्टनर रेडी सोलूशन्स का संस्था आभार प्रकट करती हैl साथ ही  बीना जखमोला द्वारा उतरांचल के कलाकारों द्वारा बनाई गई कलकृतिया आकर्षण का केंद्र रहीं l कार्यक्रम के अंत में संस्था की ओर से विनीता लवानिया के द्वारा सभी का आभार ज्ञापन किया गया।

अब इस नव-पल्लवित संस्था के पंख भी हैं, परवाज भी है, गगन का छोर छूने से कौन रोक पाएगा। पाँव जमाते हुए अनन्त सोपान चढ़ने हैं। गगन का विस्तार अभी बाकी है। सुरेश खांडवेकर, सेठ राम निवास, कैलाश आदमी, तथा सरिता गर्ग, जैसे वरिष्ठ व्यक्तियों का आशीर्वाद और सहयोग मिलने से हमारे हौसले बुलंद है, विश्वास है इस नवोदित संस्था को इन सब का साथ हमेशा मिलता रहेगा। 
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