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पहले की दादी की कहानीयां ही आज का व्ह्यालू एज्युकेशन है : डॉ डबीर


ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित महिलाओं का भव्य संमेलन संपन्न 

नागपुर। संयुक्त परिवार के जमाने में दादी से सुनी प्रेरक कहानीयां और उनके द्वारा दिये गये संस्कार ही आज की शिक्षा पध्दती का व्ह्यालू एज्युकेशन है, यह प्रतिपादन राजकुमार केवलरमानी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ उर्मिला डबीर ने किया. ईललिये जिस घर में दादा दादीं है उन्हे अपने पाल्य के लिये अलग से व्ह्यालू एज्युकेशन की क्लासेस लगाने की जरूरत नही है, ऐसे भी उन्होने आगे कहा. 
ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान की ओर से आयोजित महिला संमेलन के अध्यक्ष के रूप में प्राचार्य डॉ उर्मिला डबीर बोल रहीं थी. 

दैनिक लोकशाही वार्ता की वरिष्ठ पत्रकार वनश्री पांढरे प्रमुख अतिथी के रूप में तथा ज्येष्ठ नागरिक प्रतिष्ठान के सचिव डॉ राजू मिश्रा, ट्रस्टी नानासाहेब समर्थ, सदस्य हेमंत अंबरकर और पुष्पाताई देशमुख विशेष रूप से मंच पर उपस्थित थे.
इस अवसर पर बोलते हुये वनश्री पांढरे ने उपस्थित महिलाओं से कहा कि, तूम ही अपने जीवन की शिल्पकार हो, अपने अधिकार के लिये सिर उठा के आगे बढो. 

सामान्य परिवार में रह कर, पारिवारिक जिम्मेदारी निभाते हुये भी समाज सेवा करने वाली तथा महिलाओं के हित में काम करने वाली समाज सेवी 10 महिलांओं का भावभिना संन्मान भी संमेलन में किया गया. सत्कारमूर्तींओं में डॉ. माधुरी इंदुरकर, छायाताई सातपुते, मंजुषा खोरगडे, भारती देशमुख, भावना ठाकर, सुनिता लढ्ढा, चेतना सातपुते, पुष्पाताई मोटघरे, सोनाली घोडमारे शामिल थीं.
संमेलन के अंतीम सत्र में उपस्थित महिलाओं ने कहानी, कवितायें और गीत सादर किये. संमेलन का संचालन वंदना वारके, प्रास्ताविक डॉ. मंगला गावंडे तथा आभार प्रदर्शन एड. उषा पांडे ने किया. एड. किरण मोहिते और माधुरी पाखमोडे ने अतीथीओं का स्वागत किया
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