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उभरते सितारे में 'एकता का रंग'


नागपुर। कई बार पेरेंट्स सोचते हैं कि उनके अधूरे ख्वाब उनके बच्चे पूरा करें। इसीलिए, बच्चों पर दबाव आ जाता है की पढ़ाई के साथ-साथ  ट्यूशन और जिसमें उनकी रुचि हो संगीत, स्विमिंग, खेल या अन्य भी बच्चे सीखते रहें। क्योंकि यह काॅम्पिटीशन का जमाना है। तो बच्चों को बहुमुखी प्रतिभावान होना जरूरी है। जिन बच्चों ने आज यहां परफॉर्म किया, बहुत ही अच्छा और अतुलनीय था। यह उभरते सितारे इस मंच की सफलता का प्रतीक है। यह विचार श्री संदीप जोशी जी ने बच्चों के बीच रखें।


विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं के लिए लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत मनोरंजन और ज्ञानवर्धक 'एकता का रंग' विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड से सेवानिवृत माइनिंग इंजीनियर श्री संदीप व्ही जोशी जी उपस्थित थे। इनका स्वागत संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और मोमेंटो देकर किया।


सर्वप्रथम, कार्यक्रम की प्रस्तावना रखतें हुए सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने कहा की, हमारी एकता त्योहारों में एकजुटता एवं खेल के माध्यम से भी देखने को मिलती है। आईपीएल क्रिकेट मैच का उदाहरण देकर उन्होंने बच्चों और उनके अभिभावकों को समझाया।

तत्पश्चात, अपनी संगीतमय प्रस्तुति के दौरान कुछ बच्चों ने एकता पर बहुत ही अच्छी बातें कहीं। जिसमें, भव्या अरोरा ने कहा यहां अलग-अलग भाषा, धर्म, जाति के लोग मिलजुल कर रहते हैं, यही हमारी एकता है। संस्कृति डाहाके और जिज्ञासा गौरव डाहाके कें शानदार नृत्य ने मन मोह लिया। देवांशी पटनायक, शाम उघाडे, तानिया सलूजा, राम बागल, भव्या अरोरा आदि ने सुंदर गीत सुनाए।

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को कृष्णा कपूर,  देवस्मिता मानस पटनायक,  आशा वेदप्रकाश अरोरा, प्रीति अभिजीत बागल, डीपी भावे, मोहन खन्ना, दादा अवतारे, सुहास तिरपुडे, वासंती मिश्रा, रवि सोनकुसरे, दिलीप ढोरे, आनंद डोंगरे आदि ने खूब सराहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन वैशाली मदारे ने किया। तथा, कार्यक्रम में सहयोग प्रशांत शंभरकर का रहा। ध्वनि व्यवस्था विवेक एवं पियुष ने संभाली। उपस्थित दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।
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