पद्मश्री हलधर नाग द्वारा शबरी के जीवन चरित्र की काव्यात्मक प्रस्तुति
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नागपुर। विद्योत्तमा फाउंडेशन की नागपुर ईकाई द्वारा तुलसी के राम कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत शबरी माता के जीवन चरित्र की काव्यात्मक प्रस्तुति उड़ीसा के सुप्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री हलधर नाग ने अपनी ओजस्वी वाणी में की।पद्मश्री हलधर नाग ने जब शबरी काव्य पाठ आरंभ किया तो भाषा नहीं उनके भाव भंगिमा से ही सब समझ रहे थे कि वे क्या बोल रहे हैं। इस संबलपुरी भाषा के अनुवादक दिनेश माली ने किया। मालीजी ने हलधर नाग की अनेक कृतियों का अनुवाद किया और जिसमें प्रोफेसर नंदिनी साहू की अंग्रेजी में रचित 'सीता' महाकाव्य का अनुवाद प्रमुख है। कार्यक्रम का आरंभ नागपुर से श्रीमती अंजलि कुलकर्णी ने सरस्वती वंदना से किया वहीं सुनीता माहेश्वरी ने सरस्वती माता का आव्हान अपनी रचना से किया।
दोनों साहित्यकारों का स्वागत विद्योत्तमा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध मिश्रा ने किया। पद्मश्री हलधर नाग एवं दिनेश माली का परिचय नागपुर ईकाई की महासचिव सुश्री पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'ने दिया। इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से लोग जुड़े थे। सुधांशु शेखर गोहाटी आसाम, अविनाश बागड़े, अनिल मालोकर, हेमलता मिश्रा, रामकृष्ण सहस्रबुद्धे, नागपुर, डा विद्या चिटको, डा रोचना भारती, डा पी सिंह वी कोटमे, डा जगदीश परदेशी, डा माधुरी मोगल, सुधा झालानी, ठाकुर भरत सिंह, राजेश पुराणिक, श्रृद्धा शिंदे, रागिनी बाजपेई आदि नासिक , प्रेमलता त्रिपाठी, करुणा पांडे, सौम्या मिश्रा, प्रदीप श्रीवास्तव लखनऊ से। अशोक पुजारी उड़ीसा, श्री पियूष गोयल, मैथिली राव आदि। कार्यक्रम का संचालन पूनम मिश्रा 'पूर्णिमा'ने और आभार नासिक से सुबोध मिश्रा ने व्यक्त किया।