स्त्री परिवार का ही नहीं, पूरे समाज का विश्वास है : डॉ. एकादशी जैतवार
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हिन्दी विभाग में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
नागपुर। नारी शक्ति, सामर्थ्य, धैर्य और संवेदना का प्रतीक है। नारी का जीवन अपने परिवार को समर्पित रहता है। वह अपने परिवार के संस्कारों, परम्पराओं और आर्थिक पक्षों का भी बड़ी कुशलता से संचालन करती है। स्त्री को केवल परिवार का ही नहीं वरन पूरे समाज का विश्वास प्राप्त होता है। यह बात डॉ. एकादशी जैतवार ने कही। वे राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं।
इस दौरान मंच पर हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय तथा सहयोगी प्राध्यापक डॉ. संतोष गिरहे एवं प्रा. जागृति सिंह उपस्थित थी। डॉ. जैतवार ने कहा कि स्वावलंबन से स्वाभिमान आता है और स्वाभिमान से शक्ति प्राप्त होती है। इसलिए नारी आत्मनिर्भरता की ओर निरंतर आगे बढ़ रही है।
इस अवसर पर प्रा. जागृति सिंह ने कहा कि स्त्री कभी भी किसी के लिए बोझ नहीं होती। वह अपने परिश्रम, प्रेम और समर्पण से परिवार को सबल बनाती है। नारी के समर्पित कार्य से ही परिवार उन्नत होता है और परिवार की उन्नति से समाज का विकास होता है। इसलिए नारी सदैव प्रेरणास्रोत है।
अध्यक्षीय वक्तव्य में विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कहा कि स्त्री समाज की शक्ति होती है। सशक्त नारी सशक्त समाज की आधारशिला है। स्वावलंबन और स्वत्व-बोध स्त्री सशक्तिकरण के आवश्यक उपादान हैं।
प्रा. कुंजन लिल्हारे ने कहा कि वर्तमान में लिव इन रिलेशनशिप और बढ़ते वृद्धाश्रम एक बड़ी समस्या के रूप में उभर कर आ रहे हैं। नारी शक्ति ही इस समस्या का समाधान कर सकती है। विभाग की छात्रा हर्षलता साहू, भाग्यश्री कुंटे, प्रेरणा पारसे, पूनम चौरे ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का संचालन प्रा.दामोदर द्विवेदी ने किया । इस अवसर पर श्री देवेन्द्र कुमार धरम, डॉ. लखेश्वर चन्द्रवंशी, डॉ. सुमित सिंह सहित बड़ी संख्या में विभाग के विद्यार्थी, शोधार्थी उपस्थित थे।