स्वपुरुषार्थ से राष्ट्र निर्माण विषय पर वक्ताओं ने रखे विचार
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आयुसिद्धी हर्बल के सत्यदेव शर्मा सम्मानित
नागपुर। परशुराम सर्वभाषिय ब्राह्मण संघ द्वारा परशुराम जन्मोत्सव पर आयोजित परिसंवाद 'स्वपुरुषार्थ से राष्ट्र निर्माण' पर विद्वान वक्ताओं द्वय डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय (पूर्व डीजीपी) एवं डॉ. नताशा शुक्ला, (प्रोफ़ेसर) ने अपने संबोधन में प्रतिपादित किया कि किसी समाज या देश की उन्नति स्वयं आधारित हो तो वह पूर्ण एवं स्थाई उन्नति कही जाती है। स्व पुरुषार्थ की प्रेरणा, स्वप्रेरणा का कारक है, हमे पहले स्व प्रगति की दिशा निर्धारित करनी होगी।
स्वपुरुषार्थ से प्रथम व्यक्तित्व निर्माण, आत्मरक्षा एवं फिर राष्ट्र निर्माण इस सूत्र को अपनाना आवश्यक हो गया है। वर्तमान परिदृश्य में व्यक्ति समाज या राष्ट्र को इतना शक्तिशाली एवं कौशलता हासिल करनी होगी कि वह स्वयं की रक्षा और प्रगती करने में स्व के बूते समर्थ एवं सक्षम हो।
इस अवसर पर स्व पुरुषार्थ से उच्चतम शिखर को हासिल करने वाले समाज में सूर्य के सदृश्य दैदीप्यमान प्रतिभाओं का सम्मान कर उनका उत्साह वर्धन किया गया, इसमें प्रमुख रूप से 'आयुसिद्ध हर्बल' नागपुर के सत्यदेव शर्मा जिन्होंने कोविड त्रासदी के दौरान नई कंपनी आयुसिद्ध हर्बल की शुरुआत कर अपने तीन साथियो (जीतेन्द्र शर्मा, दीपक शर्मा एंव मनीष तिवारी) के साथ मिलकर, बाजार मे अत्यंत कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद 4 वर्षो की संक्षिप्त अवधी मे कंम्पनी को स्थापित कर असाधारण कार्य किया।
इस अवसर पर श्रीमती गौरी शर्मा, श्रीमती अनुश्री दबीर, सुश्री वल्लभा वजलवार, रमण सेनाड, नरेन्द्र जोग, शरद काशिव, कु. नंदिनी मेंंदजोगे, केदार जोशी, प्रमोद व्यास, डॉ दीपेश शर्मा को भी उनकी असाधारण उपलब्धियां के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की परिकल्पना के प्रणेता जितेंद्र शर्मा ने सभा का संचालन एवं आभार प्रदर्शन विनोद पुरोहित ने किया।