अभिनंदन मंच में ज्येष्ठ नागरिकों ने पुराने फिल्मी गीतों से बांधा समां
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नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अभिनंदन मंच (ज्येष्ठ नागरिकों का सम्मान) के अंतर्गत कार्यक्रम पुराने फिल्मी गीतों का आयोजन हिंदी मोर भवन रानी झांसी चौक में किया गया. प्रमुख अतिथि परिणिता मातुरकर रजनी गंधा म्युजिक एकेडमी प्रबंध निदेशक नागपुर व विशिष्ट अतिथि शरद त्रिवेदी, सेवानिवृत्त पूर्व प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश नागपुर उपस्थित थे. अथितियों का स्वागत प्रेमलता तिवारी ने किया.
इस अवसर पर अतिथि परिणिता ने अपने गीत गाकर एक समां बांध दिया. अपने संबोधन में कहा ज्येष्ठ नागरिक श्रेष्ठ नागरिक है. ज्येष्ठ नागरिकों ने अभिनन्दन मंच में एक से बढ़कर गीत प्रस्तुत किए गए. विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के आयोजको के प्रति उन्होंने आभार व्यक्त किया. इस कार्यक्रम में 30 गीतों की प्रस्तुतियां की गयी.
सर्व प्रथम कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति में बलदेव जुनेजा के गीत के बोल जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे, लहर पटेल ने सारंगा तेरी याद में, प्रकाश पाटील ने जो बात तुझमें है, जस्सी दारोकर ने कभी किसी को मूक्कमल जहां नहीं मिलती, राजेन्द्र मिश्रा ने बेकारार करके हमें यूं ना जाइए, अशोक कुमार दारोकर ने मैं निगाह तेरे चेहरे से, मिलींद नंदागवली ने जाने बहार हुस्न तेरा, शांतनु दास ने जीवन से भरी राहें, सुषमा भांगे, नीरज व्यास ने तेरी आंखों के सिवा रक्खा क्या है अल्पा तलाविया ने ये ज़िन्दगी उसी की है,
समीर पठान ने ये मेरा दिवाना पन है, पूनम पाड़िया ने फजा भी है जबां जबां, प्रमोद जयकर ने माई रे कासे कहूं जिया प्रीत रे विनोद चिंचोलकर ने जिस रात को ख्वाब आए, दिनकर रामटेके ने संसार है इक नदियां, सुरेश धुंडे ने रिमझिम गिरे सावन, नंदिनी सुदामउल्ला, सतीश गजभिए ने ओ मेरे शाह खूबे, पुष्पा मानकर, प्रतिभा तभाने ने मुझे तुम मिल गए, राम बोले ने कहीं दूर जब दिन ढल जाए सीमा ने क्या जानूं सजन होती है क्या, डा बालकृष्ण महाजन ने कोरा कागज था ये मन मेरा,
शरद त्रिवेदी ने दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा, नवीन त्रिवेदी ने है प्रीत जहां की रीत सुरेश त्रिवेदी, लीला पवार,माया ने गीतो की प्रस्तुति दी. माया शर्मा, ओम प्रकाश, शंकर मेश्राम, राजेश प्रसाद, जगत वाजपेई, एम. पी. वाजपेई, छोबी चक्रवर्ती, विजय तिवारी, धनंजय गाढ़े, प्रमोद जयकर, राजेश वामनराव दिवेकर, लक्ष्मी नारायण केशकर, शंकर मेश्राम, आनंद रामटेके संगीत प्रेमियों की उपस्थिति रही.