संजय अग्रवाल लिखित '365°' पुस्तक विमोचित
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नागपुर। साहित्य की दुनिया को समर्पित एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ा, जब बहुप्रतीक्षित पुस्तक '365 डिग्री' का भव्य विमोचन समारोह स्थानीय चिटणवीस सेंटर के मेमोसा हॉल में संपन्न हुआ। यह आयोजन ग्लोबल जर्नलिस्ट एंड राइटर्स एसोसिएशन (जीजेडब्ल्यूए) द्वारा किया गया। इस पुस्तक के लेखक संजय अग्रवाल हैं, जो एक विचारक, चिंतक और भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं और प्रकाशन अराइजिंग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट नेटवर्क द्वारा किया गया है। यह कृति लेखकीय दृष्टिकोण से न केवल दैनिक जीवन के अनुभवों को समेटती है, बल्कि पाठकों को आत्मनिरीक्षण और प्रेरणा की दिशा में भी अग्रसर करती है।
जीजेडब्ल्यूए द्वारा आयोजित इस भव्य आयोजन की अध्यक्षता वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट और विचारक हेमंत लोढ़ा ने की। मंचासीन मुख्य अतिथियों में वरिष्ठ लेखक राजेन्द्र चांदोरकर, साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत विद्वान लेखक डॉ. विनोद आसुदानी व वरिष्ठ सीए व बुद्धिजीवी डॉ. तेजिंदर सिंह रावल, शालिनी अग्रवाल प्रमुख थे। कार्यक्रम का संचालन वसंत पारधी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रवीण डबली द्वारा किया गया।
विमोचन अवसर पर सभी अतिथियों ने अपने मनोगत में इस पुस्तक के लिए लेखक संजय अग्रवाल की भूरि - भूरि प्रशंसा की और इसके शीर्षक 365° की अपने - अपने ढंग से अत्यंत रोचक व्याख्याएं प्रस्तुत कीं, जिनके अनुसार 365° न सिर्फ वर्ष के 365 दिनों का प्रतीक है, बल्कि यह हमें संपूर्णता के प्रतीक माने जाने वाले 360° यानि एक सर्किल पर चलते रहने की बजाए, इससे बाहर निकलकर एक नई दिशा तलाशकर उस पर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। लेखक की पुत्रवधू अपूर्वा अग्रवाल ने भी पुस्तक को आधुनिक गीता की उपमा दी।
लेखक संजय अग्रवाल ने पुस्तक के बारे में बोलते हुए कहा, '365 डिग्री एक ऐसा प्रयास है जिसमें हर दिन के अनुभव, संघर्ष, सफलता और आत्मचिंतन को 365 रंगों में समेटने की कोशिश की गई है। यह पुस्तक पाठक को अपने भीतर झांकने और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करती है'।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागपुर व अन्य शहरों से आए लेखक, बुद्धिजीवी और सुधी पाठक उपस्थित थे। इनमें डॉ. विजय कुमार शर्मा, जगदीश गुप्ता, डॉ. बी.के. शर्मा छंगाणी, अजय अग्रवाल, नवीन अग्रवाल, ज्ञानेश्वर ठाकरे, सूरज तेलंग, आर.के. गनेरीवाला, टी.एस. भाल, शरद खंडेलवाल, आशीष तायल, डॉ.प्रवीण वराडकर, डॉ. योगेन्द्र अग्रवाल, उषा अग्रवाल, बीना मैथ्यू, मिली विक्रमशी, ललित विक्रमशी डॉ. विजय द्विवेदी, विनय राजगिरे, डॉ. रिषी अग्रवाल, भुवनेश जोशी, नवनीत सकारिया, सौरभ सिंह आदि प्रमुखता से उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संपर्क और संवाद समूह के सभी सदस्यों ने काफी उत्साह के साथ अपना सहयोग दिया. इनमें रविकांत साने, अनंग कावले, रोहित कोठारी, वंश पारधी, वंशज तायल, अथर्व राजगिरे, और आकाश कुरहेकर का योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
समारोह के अंत में आयोजकों की ओर से सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। यह कार्यक्रम न केवल एक पुस्तक विमोचन था, बल्कि एक रचनात्मक विचारयात्रा की शुरुआत भी साबित हुआ।