बुद्ध के मार्ग से ही देश सुरक्षित है
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सुरेश भट्ट ऑडिटोरियम में उमड़ी भारी भीड़
नागपुर। बाहर बारिश हो रही थी, लेकिन सुरेश भट्ट ऑडिटोरियम में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यह नजारा कल डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर नेशनल एसोसिएशन ऑफ इंजीनियर्स (BANAI) द्वारा निर्मित नाटक 'द्वितीय विश्व युद्ध और डॉ. अंबेडकर' के दौरान देखने को मिला। यह नाटक विमलसूर्या चिमनकर की पुस्तक पर आधारित है।
प्रभाकर दुपारे द्वारा लिखित और प्रमोद भुसारी द्वारा निर्देशित इस नाटक में ढाई हजार साल पहले बुद्ध द्वारा दिए गए संदेश ने लोगों को भावुक कर दिया। वर्तमान समय में विनाश, युद्ध और नरसंहार को रोकने के लिए दुनिया को इससे गुजरना होगा। प्रभाकर दुपारे द्वारा बनाए गए प्रभावी दृश्य, मार्मिक संवाद और प्रमोद भुसारी के रचनात्मक निर्देशन ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
बनई के अध्यक्ष अरविंद गेडाम ने इस नाटक का निर्माण किया। सहायक निर्देशक अशोक गवली, प्रथमेश वलीवकर, मुकुंद वासुले, सारनाथ रामटेके, रवींद्र दुरुगकर, मोहन पांडे, अतुल भुसारी, अनिल पालकर, मीनाक्षी देशपांडे, विनोद तुमाडे आदि ने भूमिका निभाई. वेशभूषा डॉ. सुचित्रा भुसारी की थी। नाट्य प्रयोग निःशुल्क था। आयोजकों ने इस नाटक के सैकड़ों प्रयोग करने का इरादा जताया है।