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रजनीगंधा म्यूजिक अकादमी के ‘दिल का आलम’ ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध


नागपुर। रजनीगंधा म्यूजिक अकादमी द्वारा ‘दिल का आलम’ शनिवार को सुप्रसिद्ध हिंदी गीतों का कार्यक्रम लक्ष्मीनगर, आठ रस्ता चौक स्थित सायंटिफिक सभागृह आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की संकल्पना रजनीगंधा म्युझिक अकादमी कि संचालक परिणीता मातूरकर इनकि थी। सूत्र संचालन प्रितेश मातूरकर ने किया। साथ में हरिश विश्वकर्मा, तृषाली मातूरकर, इनका भी बडा सहयोग था। कार्यक्रम में गिरीश शर्मा इनकी विशेष उपस्थिति थी। 

कार्यक्रम में गायक नरहरी सुपारे 'देखा एक ख्वाब’, नरेंद्र इंगळे 'जिया ओ जिया’, राजेश नागपुरे 'तुम भी चलो हम भी चले’, डॉ.मधुकर टिकास 'दिवाणी दिवाना’, डॉ. राम वानखेडे 'है अपना दिल तो आवारा’, डॉ. प्रशांत चाफले 'सोचेंगे तुम्हे प्यार’, संघशील बनसोड 'देखा है तेरी आंखो में’, डॉ. रजनी हुद्दा 'होटोपे में ऐसी बात', विजया वैद्य 'क्या जाणून साजन', उज्ज्वला सुरोशे और डॉ. बिपीन तिवारी ‘आज कल तेरे मेरे', जया कावळे ‘ओ बसंती', किरण जैस्वाल ‘जादू है नशा है’, गीता बावनकर 'चोरी चोरी कोई आये’, अलिशा रफी 'पूछो ना यार क्या हुआ’, अविनाश मलगेवर ‘तू इस तरः से मेरी जिंदगी’, विजय गायधने 'इट्स मॅजिक’, उत्तम गलाणी 'यारा व यारा', रवीश तिवारी 'पुकारता चला हूँ मय, 

अनिल धकाते और अलिशा रफी ‘हम दोनो मिलके', डॉ.भास्कर बालबुधे 'ये काली काली आँखे’, उमेश रायकर 'जो तुमको हो पसंद ', मिलिंद मून 'मुझे रात दिन', हेमंत सयाम 'याद आ रहा है', गिरीश शर्मा ‘के पग घुंगरू’ ऐसे एक से बढ़कर एक सुप्रसिद्ध हिंदी गीत गायको ने पेश किये। कार्यक्रम का समापन परिणीता मातूरकर और डॉ. बिपीन तिवारी इन्होने ‘बाज़ीगर ओ बाज़ीगर’ गाकर किया और पुरा भराहुए सभागृह उपस्थित सभी श्रोताओ ने गायकों की वाहवाह बटोरी। कार्यक्रम के लिए जितेंद्र पांडव, अविनाश मलगेवार, लक्ष्मीकांत लोखंडे और शैलेश शिरभाते का सहयोग मिला है। आयोजकां द्वारे सभी आये हुए प्रेक्षकों का आभार माना।
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