नक़ाब
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चेहरे लगाते हैं लोग,
होते हैं कुछ, दिखाते हैं
कुछ और लोग।
आदमी के भेष में
भेड़िए होते हैं लोग
मतलब निकल जाने पर
रंग दिखाते हैं लोग
जिनको अपना समझा वह
आस्तीन के सांप
निकले हैं लोग
ऐसे लोगों के बीच कैसे
सुरक्षित रह सकते हैं हम
घर में कुछ, बाहर कुछ
ॵर दिखाते हैं लोग।
गिरगिट जैसे रंग
बदलते हैं लोग
अपना उल्लू सीधा होने के बाद
पहचान भी भूल जाते हैं लोग
घर में एक सुरक्षित
अंतर रखते हैं लोग
बाहर सबको अपना
बनाते हैं लोग।
दुनिया में अजीब मुखौटे
लिए फिरते हैं लोग
समाज परिवार के लिए
कितने घातक है यह लोग।
इन भेड़ियों से सतर्क
सावधान रहने की जरूरत है,
क्योंकि कभी भी
अपनी चिकनी चुपड़ी
बातों से बहका लेते हैं लोग।
- सौ. नीलिमा माटे
नागपुर, महाराष्ट्र