एक पेड़ माँ के नाम : माँ को समर्पित हरियाली की एक सुंदर पहल
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विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2024 के दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान की शुरुआत की। उन्होंने दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में एक पीपल का पौधा लगाकर इसे अपनी दिवंगत माता को समर्पित किया। यह अभियान न सिर्फ पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में एक कदम है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी हर व्यक्ति को अपनी माँ से जोड़ता है।
धरती माँ द्वारा प्रकृति की परवरिश और हमारी माँ द्वारा हमारे जीवन की परवरिश के बीच समानता दर्शाते हुए, प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे अपनी माँ के सम्मान, प्रेम और आदर में एक पेड़ अवश्य लगाएं।
उद्देश्य और लक्ष्य -
इस अभियान का उद्देश्य केवल वृक्षारोपण नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति भावनात्मक जुड़ाव और जिम्मेदारी का भाव जगाना है। यह अभियान हर नागरिक को माँ के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लेने के लिए प्रेरित करता है।
वृक्षारोपण लक्ष्य -
2024 में इस अभियान ने 80 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया था, जो 25 सितंबर 2024 तक सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया।
2025 में इसका दूसरा चरण, 'एक पेड़ माँ के नाम 2.0', शुरू हुआ है, जिसमें 30 सितंबर 2025 तक 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
कौन से पौधे लगाएं अधिक लाभ के लिए? -
पर्यावरण और समाज दोनों के लिए उपयोगी पौधों का चयन किया जाना चाहिए।
जैसे : पीपल, वट (बड़), नीम - वायु शुद्ध करने वाले और धार्मिक दृष्टि से पूजनीय।
आंवला, आम, जामुन – पोषणयुक्त फल देने वाले।
बाँस - मृदा संरक्षण में सहायक, तेजी से बढ़ने वाला।
रूद्राक्ष, लाल चंदन - औषधीय एवं सांस्कृतिक महत्व वाले।
ये पौधे जलवायु के अनुकूल हैं, कार्बन अवशोषण करते हैं और जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं।
पूरे देश से जनभागीदारी -
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों ने इस अभियान को बड़े स्तर पर अपनाया है। इंदौर में एक ही दिन में 11 लाख पौधे लगाए गए, वहीं NDMC ने 4,000 बाँस के पौधों का वृक्षारोपण किया। न्यायाधीशों, जनप्रतिनिधियों और स्कूली बच्चों तक ने इस अभियान में भागीदारी की है।
एक जीवित स्मृति -
'एक पेड़ माँ के नाम' केवल एक वृक्षारोपण कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह मातृत्व के सम्मान और पर्यावरण के प्रति संकल्प का प्रतीक है। हर पेड़ जो इस मुहिम के तहत लगाया जाएगा, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली, स्वच्छ वायु और एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
आइए, इस अभियान से जुड़ें और अपनी माँ के नाम एक पेड़ लगाकर न सिर्फ उनका सम्मान करें, बल्कि धरती माँ के प्रति भी अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें।
- प्रणोती बागड़े
नागपुर, महाराष्ट्र