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ऐतिहासिक भोसलेकालीन कुएं की सफाई का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न


- डॉ. प्रवीण डबली के प्रयासों को मिली ऐतिहासिक सफलता

- SECR के मंडल रेल प्रबंधक का आभार

नागपुर। मोतीबाग रेलवे कॉलोनी, कामठी रोड स्थित करीब 200 वर्ष पुराना भोसलेकालीन ऐतिहासिक कुआं अब पुनः अपने पुराने वैभव को प्राप्त कर चुका है। वर्षों से उपेक्षित इस विशालकाय जलस्रोत की सफाई का कार्य आखिरकार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) व नीरी के संयुक्त प्रयासों से पूर्ण हो गया है। इस ऐतिहासिक पहल का श्रेय प्रमुख रूप से वरिष्ठ पत्रकार, नियोग थेरेपिस्ट तथा ZRUCC सदस्य डॉ. प्रवीण डबली को जाता है, जिनके वर्षों के अथक प्रयासों से यह कठिन कार्य संभव हो सका।

DRM दीपक कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में हुआ कार्य -

इस कार्य की शुरुआत SECR के मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार गुप्ता के 27 मार्च को हुए निरीक्षण के बाद हुई, जिसमें उन्होंने इस प्राचीन कुएं को पुनर्जीवित करने और जलस्रोत के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मनपा का सहयोग लेकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से सफाई का कार्य प्रारंभ हुआ। प्रारंभ में मनपा ने 6 HP के दो पंपों से पानी निकालने का कार्य शुरू किया, और फिर एक और पंप की मदद ली गई। जिसके बाद कुएं कि सही स्थिति का पता चला। उसके पश्चात SECR के मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार गुप्ता ने टेंडर निकाल कर निजी ठेकदार की मदद से कुएं की सफाई का कार्य पूरी क्षमता से शुरू किया। जिसमें से कई टन कचरा निकला गया।  इस पूरे कार्य पर DRM स्वयं नजर रखे हुए थे।

कुआं पाया गया 'जीवित' -

सफाई के दौरान पाया गया कि जितनी तेजी से पानी खाली किया जा रहा था उतनी ही क्षमता से पानी के जलस्रोत कुएं को भर रहे थे। यह चकित करने वाला तथ्य स्पष्ट करता है कि यह कुआं आज भी भूजल स्तर से सक्रिय रूप से जुड़ा है और यह एक स्थायी जलस्रोत बन सकता है। साथ ही आज इस कुएं का पानी पीने लायक स्थिति में आ गया है।
डॉ. डबली ने बताया कि "कुएं में करीब 45 फीट तक पानी मौजूद है। कुएं का स्वचालित जल पुनर्भरण (रिचार्ज) यह संकेत देता है कि यह अब भी जल संकट से जूझ रहे इलाके के लिए समाधान साबित हो सकता है।"

नीरी के मार्गदर्शन में पूरी हुई कार्यवाही -

सफाई कार्य नीरी अधिकारियों के मार्गदर्शन में प्रारंभिक औपचारिकताओं और सुरक्षा मानकों के साथ संपन्न हुई। रेलवे के कार्य निरीक्षक (IOW) ने पूरी प्रक्रिया की निगरानी की। 

सामाजिक सहयोग और आभार -

डॉ. डबली ने इस ऐतिहासिक पहल में सहयोग देने वाले मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार गुप्ता, नगर निगम, नीरी, रेलवे इंजीनियरिंग विभाग एवं सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने शहर की सामाजिक संस्थाओं और क्षेत्रीय विधायक से भी अपील की है कि वे शहर के अन्य भागों में स्थित ऐतिहासिक कुओं की सफाई में भागीदारी लेकर नागपुर की धरोहरों को संरक्षित करें।
उन्होंने स्थानीय रहवासियों से भी अपील की कि अब यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि इस ऐतिहासिक धरोहर की सफाई और सुरक्षा सुनिश्चित करें। कुएं में कचरा डालने से परहेज करें और इसे जल संरक्षण के एक मॉडल के रूप में संरक्षित रखने में भाग लें।

पुनरुद्धार के मायने - 

डॉ. डबली ने कहा, “यह केवल एक कुएं की सफाई नहीं, बल्कि हमारी ऐतिहासिक विरासत के पुनर्जीवन का प्रतीक है। यह पहल न केवल जल संकट के समाधान की दिशा में उपयोगी होगी, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।”
स्थानीय नागरिकों ने भी डॉ. डबली के प्रति आभार प्रकट करते हुए उन्हें इस ऐतिहासिक कार्य का 'जननायक' बताया। कई वर्षों से वे रेलवे मंत्रालय से लेकर नगर निगम तक इस कुएं की सफाई और पुनरुद्धार के लिए लगातार पत्राचार और प्रयास करते रहे।
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